मुंबई, दो अगस्त (भाषा) इंडियन मुजाहिदीन के आतंकी एजाज शेख को शुक्रवार को मुंबई की एक अदालत ने प्रतिबंधित संगठन की ओर से एक ईमेल भेजने और नयी दिल्ली में आतंकवादी हमलों के बारे में चेतावनी देने से संबंधित 2010 के मामले में बरी कर दिया।
शेख को फरवरी 2013 के हैदराबाद आतंकवादी हमले के लिए मौत की सजा सुनाई गई थी।
विशेष मकोका न्यायाधीश बी डी शेलके ने ईमेल भेजने के मामले में सबूतों के अभाव में शुक्रवार को शेख को बरी कर दिया। हालांकि, विस्तृत आदेश अभी उपलब्ध नहीं है।
बीपीओ में काम कर चुका और तकनीक का जानकार एजाज शेख फिलहाल हैदराबाद की जेल में बंद है।
फरवरी 2015 में, शेख को मुंबई अपराध शाखा ने ईमेल मामले में गिरफ्तार किया था। दस अक्टूबर 2010 को ब्रिटेन स्थित बीबीसी समाचार चैनल को भेजे गए एक ईमेल में चेतावनी दी गई थी कि इंडियन मुजाहिदीन राष्ट्रीय राजधानी में आतंकी हमले करेगा।
जांच में पता चला कि ईमेल दक्षिण मुंबई से भेजा गया था और पुलिस ने शेख पर ध्यान केंद्रित किया, जिस पर अपने मोबाइल फोन से इसे भेजने का आरोप था।
शेख पर किसी अन्य व्यक्ति के नाम पर सिम कार्ड प्राप्त करने और धमकी भरे मेल भेजने का आरोप लगाया गया था।
शेख की ओर से पेश हुए वकील हसनैन काजी ने दलील दी कि प्राथमिकी में दर्ज आईपी एड्रेस से पता चलता है कि यह नॉर्वे का था। काजी ने यह भी दलील दी कि ईमेल मुंबई से भेजा गया था, यह साबित करने के लिए किसी विशेषज्ञ गवाह की जांच नहीं की गई। काजी ने कहा कि शेख को बलि का बकरा बनाया गया क्योंकि जांच अधिकारी असली आरोपी का पता लगाने में विफल रहे।
शेख पर जुलाई 2011 में जावेरी बाजार, ओपेरा हाउस और कबूतर खाना में हुए सिलसिलेवार विस्फोटों का भी मुकदमा चल रहा है, जिसमें 21 लोग मारे गए थे।
भाषा आशीष नेत्रपाल
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