नयी दिल्ली/श्रीनगर/जम्मू, 25 मार्च (भाषा) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के दो घटकों जम्मू और कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट (जेकेपीएम) और जेएंडके डेमोक्रेटिक पॉलिटिकल मूवमेंट (जेकेडीपीएम) ने अलगाववाद से अपने सभी संबंध तोड़ने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि इससे भारत की एकता मजबूत होगी।
एक अन्य समूह, मोहम्मद शरीफ सरताज के नेतृत्व वाले जम्मू स्थित ‘जेएंडके फ्रीडम मूवमेंट’ ने भी अलगाववादी संगठन के साथ लंबे समय से जारी अपने संबंध समाप्त कर लिए हैं तथा तत्काल प्रभाव से समूह को भंग करने की घोषणा की।
जेकेपीएम का नेतृत्व शाहिद सलीम कर रहे हैं, जबकि जेकेडीपीएम का नेतृत्व वकील शफी रेशी कर रहे हैं। सलीम ने एक बयान में कहा कि उन्होंने खुद को और अपने संगठन को अलगाववादी विचारधारा से अलग कर लिया है और भारत और संविधान के प्रति निष्ठा का संकल्प लिया है।
सलीम ने यहां स्थानीय प्रेस को दिए एक बयान में कहा, ‘‘मैं भारत का एक वफादार नागरिक हूं, और मेरा संगठन तथा मैं, दोनों भारत के संविधान के प्रति निष्ठा रखते हैं।’’
सलीम और रेशी के फैसलों का स्वागत करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने कहा कि यह कदम भारत की एकता को मजबूत करेगा और नरेन्द्र मोदी सरकार की एकीकरण नीतियों ने जम्मू-कश्मीर से अलगाववाद को ‘खत्म’ कर दिया है।
उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘हुर्रियत से जुड़े दो संगठनों ने अलगाववाद से सभी संबंध तोड़ने की घोषणा की है। मैं भारत की एकता को मजबूत करने की दिशा में इस कदम का स्वागत करता हूं और ऐसे सभी समूहों से आग्रह करता हूं कि वे आगे आएं और अलगाववाद को हमेशा के लिए खत्म कर दें।’’
शाह ने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित, शांतिपूर्ण और एकीकृत भारत के निर्माण के सपने की बड़ी जीत है। ऑल पार्टीज हुर्रियत कॉन्फ्रेंस (एपीएचसी) जम्मू-कश्मीर में अलगाववादियों का एक समूह है। इसके अधिकांश घटक पर सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया है।
सलीम ने अपने संदेश में कहा कि उन्हें और उनके संगठन को ‘ऑल पार्टीज हुर्रियत कॉन्फ्रेंस’ की विचारधारा से कोई सहानुभूति नहीं है, जो ‘‘जम्मू-कश्मीर के लोगों की वैध आकांक्षाओं और शिकायतों को दूर करने में सक्षम नहीं है।’’
सलीम ने कहा, ‘‘मैं भारत का एक वफादार नागरिक हूं। मेरा संगठन और मैं किसी ऐसे संगठन या संघ से संबद्ध नहीं हैं, जिसका एजेंडा प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से भारत और उसके हितों के खिलाफ हो। मेरा संगठन और मैं, दोनों भारत के संविधान के प्रति निष्ठा रखते हैं।’’
भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी शाह फैसल ने मार्च, 2019 में जब नौकरी छोड़ दी थी, और उसी नाम से अपनी पार्टी शुरू की, तो सलीम ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा था कि उनकी जेकेपीएम की स्थापना चार अप्रैल, 2000 को प्रेस क्लब जम्मू में की गई थी और यह ‘ऑल पार्टीज हुर्रियत कॉन्फ्रेंस’ (एपीएचसी) की घटक दल थी।
लेकिन फैसल ने बाद में अपना इस्तीफा वापस ले लिया और सेवा में बहाल हो गए। फैसल 2022 में पर्यटन विभाग में उपसचिव के पद पर तैनात हुए।
पहले हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के जम्मू समन्वयक के रूप में काम कर चुके सरताज पर कई मौकों पर सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था। लेकिन सरताज ने एक सार्वजनिक नोटिस जारी किया है जो सलीम द्वारा जारी किए गए नोटिस के लगभग समान है। हालांकि, सरताज ने यह भी कहा कि उनका संगठन ‘‘एक दशक से निष्क्रिय होने के कारण तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया गया है।’’
भाषा संतोष आशीष
आशीष