हिमा दास के निलंबन पर नाडा के अपडेट से असमंजस की स्थिति |

Ankit
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नयी दिल्ली, 25 दिसंबर (भाषा) एशियाई खेलों की स्वर्ण पदक विजेता फर्राटा धाविका हिमा दास को ठिकाने की जानकारी देने में नाकाम रहने के मामले में दोषमुक्त करार दिये जाने के बाद राष्ट्रीय डोपिंग निरोधक एजेंसी (नाडा) ने असामान्य घटनाक्रम में उन पर पूर्वव्यापी निलंबन लगा दिया ।


सोलह महीने की निलंबन अवधि 22 जुलाई 2023 से 21 नवंबर 2024 तक थी और एथलीट अब टूर्नामेंटों में भाग लेने के लिए स्वतंत्र है लेकिन हैरानी की बात यह है कि वह इस साल जून में भी प्रतियोगिताओं में भाग ले रही थी।

नाडा ने हाल ही में घोषणा की है कि उसे अपने ठिकाने की जानकारी नहीं देने के कारण उसके डोपिंग निरोधक पैनल द्वारा निलंबित कर दिया गया था।

नाडा की वेबसाइट के अनुसार ‘धींग एक्सप्रेस’ के रूप में जानी जाने वाली हिमा को मामले के समाधान समझौते के तहत निलंबन दिया गया था। वह वर्तमान में तिरुवनंतपुरम में प्रशिक्षण ले रही है।

उनके निलंबन की अवधि ने असमंजस की स्थिति पैदा कर दी है क्योंकि वह इस साल अप्रैल से ही प्रतिस्पर्धा कर रही हैं जिसमें बेंगलुरु में इंडियन ग्रां प्री मीट और जून में पंचकूला में राष्ट्रीय अंतर-राज्यीय मीट शामिल है जबकि उनका निलंबन 21 नवंबर 2024 तक था।

सबसे दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने जून में चार रेस में भाग लिया। पीटीआई ने बुधवार को उनके प्रशिक्षण सत्र के बाद जब उनसे संपर्क किया तो हिमा ने इस मुद्दे पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआई) के एक सूत्र ने भी पुष्टि की कि उनका निलंबन नवंबर में समाप्त हो गया था। जब दोनों पक्ष सहमति देते हैं तो डोपिंग निरोधक एजेंसी और खिलाड़ी के बीच ‘मामले के समाधान का समझौता ‘ किया जाता है और खिलाड़ी आगे की अपील किए बिना लगाए गए परिणामों को स्वीकार करने के लिए सहमत होता है।

यह घटनाक्रम हिमा को नाडा की डोपिंग निरोधक पैनल से पूरी तरह से मंजूरी मिलने के कुछ हफ़्ते बाद हुआ है । पैनल ने उन्हें 12 महीनों में तीन बार ठिकाना बताने में नाकाम रहने के कारण लगाये गए डोपिंग आरोपों से मुक्त कर दिया था। पैनल ने इस बारे में कोई विवरण नहीं दिया कि वह किस तरह इस निष्कर्ष पर पहुंची कि हिमा की ओर से ‘ठिकाने’ संबंधी कोई चूक नहीं हुई है।

चौबीस बरस की हिमा को पिछले साल नाडा ने 12 महीनों में तीन बार अपने ठिकाने के बारे में जानकारी नहीं देने के कारण अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया था। मार्च में सुनवाई के बाद डोपिंग निरोधक अनुशासन पैनल (एडीडीपी) ने उन्हें बरी कर दिया था। वह 30 अप्रैल को बेंगलुरु में इंडियन ग्रां प्री एक में 200 मीटर स्पर्धा में फिर से उतरीं। चार सितंबर के फैसले में डोपिंग निरोधक अपील पैनल ने अनुशासन पैनल के उस फैसले को बरकरार रखा जिसमें उन्हें डोपिंग के आरोपों से मुक्त किया गया था।

भाषा मोना

मोना



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