शिमला, पांच सितंबर (भाषा) हिमाचल प्रदेश विधानसभा में एक प्रस्ताव को लेकर राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के बीच तीखी नोकझोंक के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बृहस्पतिवार को विधानसभा से बहिर्गमन किया। इस प्रस्ताव में केंद्र से हिमाचल प्रदेश को 100 प्रतिशत आपदा राहत राशि उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विपक्षी दल भाजपा के आचरण को ‘‘गैर-जिम्मेदाराना’’ बताया और कहा कि यह स्पष्ट है कि भाजपा हिमाचल प्रदेश ‘‘विरोधी’’ है और इसका एकमात्र एजेंडा राजनीतिक लाभ हासिल करना है।
पूर्व मुख्यमंत्री ठाकुर और नेगी के बीच उस समय बहस हो गई जब मंत्री सरकार के प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान स्पष्टीकरण देने के लिए खड़े हुए जिसमें केंद्र से राज्य को आपदा प्रभावित सिक्किम, उत्तराखंड और असम की तरह 100 प्रतिशत आपदा राहत राशि प्रदान करने का आग्रह किया गया था।
जैसे ही नेगी ने अपनी बात रखने का प्रयास किया, दोनों पक्षों के सदस्य अपनी-अपनी सीट से बोलने लगे और बाद में भाजपा ने सदन से बहिर्गमन किया।
बहिर्गमन पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सुक्खू ने कहा कि 15वें वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष और राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष से वित्तीय सहायता कोई दान नहीं बल्कि राज्य का अधिकार है।
उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने बहिर्गमन के कदम की निंदा करते हुए कहा कि भाजपा ‘‘दिशाहीन’’ हो गई है। उन्होंने केंद्र पर हिमाचल प्रदेश के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया।
अग्निहोत्री ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय पेंशन योजना के तहत कर्मचारियों के अंशदान के 9,200 करोड़ रुपये नहीं दिए हैं, राजस्व घाटा अनुदान में कटौती की है और राज्य को वित्तीय रूप से अस्थिर करने के इरादे से उधार सीमा को कम कर दिया है।
भाषा शफीक संतोष
संतोष