शिमला, 20 फरवरी (भाषा) हिमाचल प्रदेश में रासायनिक विश्लेषण के लिए राज्य की फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला में भेजे गए 1,000 रक्त नमूनों में से 229 में वाहन चलाते समय शराब के सेवन की बात सामने आई है। पुलिस ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
यहां जारी एक बयान में कहा गया है कि हिमाचल प्रदेश पुलिस की यातायात, पर्यटक और रेलवे (टीटीआर) शाखा ने सड़क यातायात दुर्घटनाओं के आंकड़ों का विश्लेषण करके 2024 में पूरे राज्य में सड़क यातायात दुर्घटनाओं की निगरानी की और हादसों के दौरान लिए गए 1,000 नमूनों को जांच के लिए फोरेंसिक लैब भेजा था।
रिपोर्ट के अनुसार, 229 (लगभग 25 प्रतिशत) नमूनों में शराब की मात्रा पाई गई है।
बयान में कहा गया है कि नशे की हालत में वाहन चलाना एक खतरनाक समस्या है जिस पर ध्यान देने की आवश्यकता है और इसलिए, इस समस्या को दूर करने के लिए राज्य की टीटीआर शाखा द्वारा अनुसंधान किया जा रहा है।
पुलिस विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि पुलिस उल्लंघन करने वालों (शराब पीकर गाड़ी चलाने) के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी कर रही है। उन्होंने कहा कि यदि कोई व्यक्ति, जो पहले भी शराब पीकर गाड़ी चलाने के लिए दोषी पाया जा चुका है, फिर से वही अपराध करता है, तो सक्षम प्राधिकारी को उल्लंघनकर्ता के ड्राइविंग लाइसेंस को रद्द करने का निर्देश दिया जाएगा।
अब पुलिस शराब पीकर वाहन चलाने के पहले अपराध के लिए भी मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 185 के तहत निर्धारित कारावास की सजा के लिए मुकदमा चलाएगी।
इस संबंध में पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों (एसपी) को बार बार शराब पीकर वाहन चलाने का अपराध करने वालों का डेटा बैंक तैयार करने का निर्देश दिया है, जिसे वे राज्य की टीटीआर विंग को सौंपेंगे।
भाषा जोहेब माधव
माधव