नयी दिल्ली, 26 सितंबर (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बृहस्पतिवार को कहा कि एजेंसी ने हिमाचल प्रदेश के एक निजी विश्वविद्यालय के प्रवर्तक की ऑस्ट्रेलिया में रहने वाली पत्नी और बेटे को ‘फर्जी’ उपाधियों की बिक्री के मामले में भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने के लिए शिमला की एक अदालत का रुख किया है।
संघीय जांच एजेंसी ने शिमला स्थित धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की एक विशेष अदालत के समक्ष वर्ष 2018 के भगोड़े आर्थिक अपराधी अधिनियम (एफईओए) के तहत एक अर्जी दायर की है।
बयान के मुताबिक, राज कुमार राणा की पत्नी अशोनी कंवर और राणा के बेटे मंदीप के खिलाफ यह अर्जी दायर की गयी है।
राणा सोलन स्थित मानव भारती विश्वविद्यालय के प्रवर्तक हैं।
ईडी ने बताया कि यह अर्जी उक्त विश्वविद्यालय द्वारा ‘फर्जी’ उपाधियों की बिक्री से संबंधित धन शोधन मामले की जांच के सिलसिले में दायर की गयी है। उपाधियों की बिक्री के माध्यम से राणा और उसके सहयोगियों ने 387 करोड़ रुपये की आपराधिक आय ‘प्राप्त’ की।
ईडी के मुताबिक, राणा की पत्नी और बेटा ऑस्ट्रेलिया में रह रहे थे लेकिन वे समन जारी किए जाने के बावजूद ‘‘कभी जांच में शामिल नहीं हुए।’’
ईडी ने बताया कि राणा और 15 अन्य लोगों के खिलाफ दिसंबर, 2022 में आरोप पत्र दायर किया गया था और विशेष पीएमएलए अदालत ने जनवरी, 2023 में संज्ञान लेते हुए अशोनी कंवर और मंदीप को समन जारी किया।
भाषा जितेंद्र संतोष
संतोष