हिंदुस्तान जिंक में हिस्सेदारी बेचने से वेदांता को कर्ज चुकाने, पूंजीगत व्यय में मिलेगी मदद

Ankit
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नयी दिल्ली, 15 अगस्त (भाषा) वेदांता लिमिटेड के अपनी अनुषंगी कंपनी हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड (एचजेडएल) में 3.31 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने से उसके पास कर्ज चुकाने और पूंजीगत खर्च के लिए उपलब्ध धन में वृद्धि होगी।


वित्तीय विश्लेषण कंपनी क्रेडिटसाइट्स ने बृहस्पतिवार को कहा कि वेदांता लिमिटेड के निदेशक मंडल ने मंगलवार को अपनी जिंक अनुषंगी कंपनी में 2.6 प्रतिशत (11 करोड़ शेयर) हिस्सेदारी बेचने को मंजूरी दे दी, जिसका मूल्य 6,370 करोड़ रुपये है।

बुधवार को कंपनी ने हिस्सेदारी बढ़ाकर 3.31 प्रतिशत कर दी, जिससे अंतिम कारोबारी मूल्य पर 8,000 करोड़ रुपये से अधिक प्राप्त हो सकते हैं।

खुदरा और संस्थागत निवेशकों को बिक्री पेशकश (ओएफएस) के माध्यम से बिक्री से एचजेडएल में वेदांता की हिस्सेदारी 64.92 प्रतिशत से घटकर 61.61 प्रतिशत हो जाएगी।

क्रेडिटसाइट्स ने कहा, “हम एचजेडएल की हिस्सेदारी बिक्री को वेदांता लिमिटेड और (इसकी मूल कंपनी) वेदांता रिसोर्सेज लिमिटेड के ऋणदाताओं और बांडधारकों के लिए सकारात्मक मानते हैं, क्योंकि ऋण चुकाने और पूंजीगत व्यय के लिए अधिक धनराशि उपलब्ध होगी। ऋण में कमी आने से वीआरएल का पहले से बढ़ा हुआ ब्याज बोझ और कम हो जाएगा।”

इसके साथ ही, हिस्सेदारी बिक्री से वेदांता को एचजेडएल से भविष्य में मिलने वाले लाभांश में भी कमी आएगी, जो कई वर्षों से समूह की नकदी का स्रोत रही है।

भाषा अनुराग पाण्डेय

पाण्डेय



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