जयपुर, 10 अप्रैल (भाषा) वेदांता समूह के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने कहा कि दो दशक पहले हिंदुस्तान जिंक के निजीकरण से जिंक उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और नए अवसर पैदा हुए हैं।
कंपनी के एक बयान के अनुसार, वेदांता समूह की कंपनी हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड ने दुनिया की सबसे बड़ी एकीकृत जिंक उत्पादक बनकर ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है।
अग्रवाल ने सोशल मीडिया के माध्यम से इसे भारत की संसाधन स्वतंत्रता और औद्योगिक ताकत के लिए एक नए युग की शुरुआत बताया।
अग्रवाल ने ‘एक्स’ पर पोस्ट में कहा, ‘‘23 साल पहले, एक नया युग शुरू हुआ। जिंक की मांग बहुत अधिक थी, लेकिन भारत में इसका उत्पादन कम था और आयात शुल्क 40 प्रतिशत था। 2002 में, सरकार ने हिन्दुस्तान जिंक का निजीकरण करके एक साहसिक कदम उठाया और हमें मौका दिया।’
उन्होंने कहा एक साल के भीतर, बिना एक भी छंटनी के, मुनाफे में 113 प्रतिशत की वृद्धि हुई। आज, हिन्दुस्तान जिंक दुनिया का सबसे बड़ा एकीकृत जिंक उत्पादक है।
उन्होंने कहा हमारे विशेषज्ञों और इंजीनियरों के केंद्रित प्रयासों की बदौलत, भारत में चांदी का उत्पादन 15 गुना बढ़ गया है।’
अग्रवाल ने कहा कि राजस्थान में लाखों लोगों की आजीविका का सृजन हुआ है। एक हजार से अधिक संबद्ध उद्योग सामने आए हैं और राज्य और देश के खजाने में सामूहिक रूप से 1.7 लाख करोड़ रुपये का योगदान दिया गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘आर्थिक और सामाजिक प्रगति के साथ-साथ पर्यावरण में भी सुधार हुआ है और आज ‘सनशाइन स्टेट’ राजस्थान और भी चमक रहा है।’’
भाषा कुंज राजकुमार अजय
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