बेंगलुरु, 31 मार्च (भाषा) सार्वजनिक क्षेत्र की रक्षा कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने सोमवार को कहा कि उसने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 30,400 करोड़ रुपये (अस्थायी) का राजस्व दर्ज किया है जो एक साल पहले 30,381 करोड़ रुपये था।
हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) और उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर (एएलएच) की आपूर्ति में गिरावट के बावजूद एचएएल को यह उपलब्धि हासिल हुई है।
एचएएल के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक डी के सुनील ने कहा कि इंजन की अनुपलब्धता के कारण एलसीए की आपूर्ति में देरी हुई है।
सुनील ने एक बयान में कहा कि पिछले 12 महीनों में अपने ऑर्डर बुक में उल्लेखनीय सुधार के साथ एचएएल ने अपनी क्षमताओं के विस्तार पर ध्यान केंद्रित किया है।
वित्त वर्ष के अंत में एचएएल की ऑर्डर बुक 1.84 लाख करोड़ रुपये रही। वित्त वर्ष 2024-25 में एचएएल ने 1.02 लाख करोड़ रुपये के नए विनिर्माण अनुबंध और 17,500 करोड़ रुपये के मरम्मत अनुबंध हासिल किए।
हाल ही में रक्षा उपक्रम ने 156 हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर ‘प्रचंड’ की आपूर्ति के लिए रक्षा मंत्रालय के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए, जिसकी कीमत 62,777 करोड़ रुपये है। यह एचएएल से रक्षा मंत्रालय द्वारा की गई अब तक की सबसे बड़ी खरीद है।
इस वित्त वर्ष की मुख्य उपलब्धियों में एचएएल का ‘महारत्न’ का दर्जा प्राप्त करने वाला पहला रक्षा उपक्रम बनना शामिल है।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
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