हिंदी विरोध के मुद्दे पर राहुल और अखिलेश की चुप्पी पर रालोद ने उठाये सवाल

Ankit
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लखनऊ, 28 फरवरी (भाषा) राष्ट्रीय लोकदल ने शुक्रवार को द्रमुक (डीएमके) नेता एम के स्टालिन द्वारा हिंदी का विरोध किए जाने पर समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव और वरिष्ठ कांग्रेस नेता राहुल गांधी की चुप्पी पर सवाल उठाया और सपा एवं कांग्रेस से अपना रुख स्पष्ट करने को कहा।


‘एक्स’ पर एक पोस्ट में, रालोद नेता एवं शामली विधानसभा क्षेत्र से विधायक परसन कुमार चौधरी ने कहा, ‘‘नयी शिक्षा नीति के तहत द्रमुक के नेता एम के स्टालिन हिन्दी का विरोध करते हैं, तब भी माननीय राहुल गांधी और अखिलेश यादव जी चुप्पी साधे है, दोनो खामोश क्यों हैं। सपा और कांग्रेस अपना रवैया स्पष्ट करे..।”

केंद्र द्वारा कथित तौर पर हिंदी थोपे जाने के खिलाफ अपना अभियान तेज करते हुए तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने एक बार फिर बृहस्पतिवार को कहा कि राज्य इस भाषा को ‘‘थोपने’’ की इजाजत नहीं देगा और उन्होंने तमिलों एवं इसकी संस्कृति की रक्षा करने का संकल्प जताया।

पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित एक पत्र में उन्होंने कहा, ‘‘हम हिंदी थोपने का विरोध करेंगे। हिंदी मुखौटा है, संस्कृत छिपा हुआ चेहरा है।’’

सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) ने आरोप लगाया है कि केंद्र राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) में तीन-भाषा फार्मूले के माध्यम से हिंदी को थोपने की कोशिश कर रहा है। हालांकि, केंद्र सरकार ने इस आरोप का खंडन किया है।

भाषा जफर रंजन

रंजन



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