‘हश मनी’ मामले में सजा सुनाए जाने पर रोक संबंधी ट्रंप की याचिका खारिज

Ankit
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वाशिंगटन, 10 जनवरी (एपी) अमेरिका के उच्चतम न्यायालय ने नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की एक याचिका खारिज कर दी, जिसमें उन्होंने पॉर्न स्टार को मुंह बंद रखने के लिए भुगतान (हश मनी) करने से संबंधित मामले में सजा सुनाए जाने पर रोक लगाने का अनुरोध किया था।


उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद न्यूयॉर्क की एक अदालत के न्यायाधीश जुआन एम. मर्चन के लिए शुक्रवार को ट्रंप को सजा सुनाने का रास्ता साफ हो गया।

ट्रंप पर आरोप है कि उन्होंने 2016 के राष्ट्रपति चुनाव के दौरान पॉर्न स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स को पैसे देकर चुप रहने के लिए कहा था ताकि वह ट्रंप के साथ यौन संबंध बनाने के अपने दावे को सार्वजनिक न करें।

अभियोजन पक्ष के अनुसार ट्रंप ने डेनियल्स को चुप रहने के लिए 1,30,000 अमेरिकी डॉलर का भुगतान किया था।

इस मामले में ट्रंप को दोषी करार दिया जा चुका है। हालांकि ट्रंप ने डेनियल्स से किसी भी तरह के संबंधों और कोई भी गलत काम करने के आरोपों को खारिज किया है।

उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जॉन रॉबर्ट समेत पांच न्यायाधीशों की पीठ ने ट्रंप की तत्काल सुनवाई की याचिका बृहस्पतिवार को खारिज कर दी।

सजा सुनाए जाने पर रोक लगाने से न्यूयॉर्क की अदालतों के इनकार के बाद ट्रंप के वकीलों ने बुधवार को उच्चतम न्यायालय का रुख किया था। मर्चन ने इस मामले पर सुनवाई करने के बाद पिछले साल मई में ट्रंप को 34 आपराधिक आरोपों में दोषी पाया था।

ट्रंप की टीम ने उच्चतम न्यायालय से सजा सुनाए जाने पर तत्काल रोक लगाने का अनुरोध करते हुए कहा था कि इससे राष्ट्रपति पद की शपथ लेने की उनकी तैयारियों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। ट्रंप को 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेनी है।

हालांकि मर्चन ने संकेत दिए थे कि वह ट्रंप को जेल की सजा नहीं सुनाएंगे और न ही कोई जुर्माना या रोक लगाएंगे, लेकिन ट्रंप के वकीलों का कहना है कि केवल दोषी करार दिए जाने से भी ट्रंप की छवि को नुकसान पहुंचेगा।

एपी जोहेब शोभना

शोभना



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