पटना, 12 अप्रैल (भाषा) देश में एक साथ चुनाव कराने की जोरदार वकालत करते हुए केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को कहा कि हर कुछ महीनों में चुनाव की स्थिति को समाप्त करने के लिए ‘‘कठोर कदम’’ उठाने की जरूरत है, जिससे देश की प्रगति में बाधा उत्पन्न हो रही है।
पटना स्थित एक कॉलेज में एक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए चौहान ने कहा कि 1960 के दशक तक लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ होते थे, ‘‘लेकिन तब कांग्रेस ने अन्य दलों द्वारा शासित राज्यों में सरकारों को बर्खास्त करने का पाप किया।’’
भाजपा नेता ने कहा, ‘‘हमारे आलोचक आरोप लगाते हैं कि हम ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ चाहते हैं क्योंकि इससे हमारी पार्टी को फायदा होगा। ऐसा लगता है कि वे मतदाताओं की बुद्धिमत्ता को कम आंकते हैं। ऐसे कई उदाहरण हैं जहां एक साथ चुनाव हुए और लोगों ने लोकसभा और विधानसभा के लिए अलग-अलग तरीके से मतदान किया।’’
उन्होंने 2019 का ओडिशा का उदाहरण दिया, जब लोगों ने ‘‘(लोकसभा में) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए वोट दिया और नवीन पटनायक की बीजू जनता दल को राज्य में सत्ता में एक और कार्यकाल के लिए चुना।’’
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘इसके पांच साल बाद ही भाजपा ओडिशा में भी सत्ता हासिल करने में सफल रही।’’
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘यह समझना होगा कि जब किसी राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू होती है, तो सभी विकास कार्य ठप्प हो जाते हैं। यहां तक कि स्कूल के शिक्षक और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता भी मतदाता सूची को अद्यतन करने में लगे रहते हैं।’’
उन्होंने कहा, चूंकि चुनावों में जनता का पैसा खर्च होता है, इसलिए ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ की आवश्यकता के बारे में जागरूकता बढ़ाना न केवल राजनीतिक नेताओं का बल्कि सभी नागरिकों का कर्तव्य है।
भाषा शफीक अविनाश
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