देहरादून, नौ मार्च (भाषा) उत्तराखंड में राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) द्वारा तैयार ‘हमारी विरासत एवं विभूतियां’ पुस्तक प्रदेश के सभी निजी विद्यालयों में भी पढ़ाई जायेगी।
राज्य के विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने रविवार को यहां बताया कि निजी विद्यालयों में बच्चों के बस्तों का भार कम किया जाएगा और प्रत्येक माह में एक दिन ‘बैग फ्री डे’ मनाया जायेगा।
उन्होंने बताया कि निजी विद्यालय संगठनों एवं स्कूल संचालकों ने इस पर अपनी हामी भर दी है और इसकी शुरुआत आगामी अप्रैल के प्रथम सप्ताह से की जायेगी।
रावत ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के प्रावधानों को प्रदेश में तेजी से लागू किया जा रहा है और इसी के तहत शुक्रवार को प्रदेश के निजी विद्यालय संगठनों एवं संचालकों के साथ एक अहम बैठक की गयी।
उन्होंने बताया कि बैठक में ‘हमारी विरासत एवं विभूतियां’ पुस्तक को निजी विद्यालयों में लागू करने का निर्णय लिया गया।
रावत ने बताया कि निजी विद्यालयों में पुस्तक लागू होने से प्रदेश में अध्ययनरत देश-विदेश के बच्चे उत्तराखंड की समृद्ध लोक विरासत, सांस्कृतिक विविधता, पृथक राज्य आंदोलन, सांस्कृतिक व सामाजिक चेतना से जुड़े आंदोलन, लोकगीत, लोकनृत्य, पर्यटक व ऐतिहासिक स्थल सहित राज्य की महान विभूतियों के बारे में जान सकेंगे।
राज्य मंत्रिमंडल ने पिछले सप्ताह ही कक्षा छह से कक्षा आठ तक के पाठयक्रम में ‘हमारी विरासत एवं विभूतियां’ को शामिल करने का निर्णय लिया था।
उन्होंने बताया कि इसके अलावा सरकारी विद्यालयों की भांति निजी विद्यालयों में भी कक्षावार बस्तों का वजन लागू किया जायेगा ताकि बच्चों को बस्ते का अनावश्यक बोझ न ढोना पड़े। इसके अलावा प्रत्येक महीने एक दिन निजी विद्यालयों में भी ‘बैग फ्री डे’ लागू किया जायेगा, ताकि बच्चों में पढ़ाई का तनाव कम हो और बच्चों को नयी शिक्षण विधियों को अपनाने का अवसर मिल सके।
मंत्री ने बताया कि इसके अलावा बैठक में निजी एवं सरकारी विद्यालयों के बीच ‘टीचिंग शेयरिंग प्रोग्राम’ चलाने, प्रयोगशाला व खेल मैदानों को आपस में साझा करने का भी निर्णय लिया गया जिससे संसाधनों का बेहतर उपयोग संभव हो सकेगा।
भाषा
दीप्ति, रवि कांत
रवि कांत