नयी दिल्ली, 30 सितंबर (भाषा) सरकार ने घटिया सामान के आयात पर अंकुश लगाने, घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने और उपभोक्ता सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कुछ किस्मों के पेंच (स्क्रू) के लिए अनिवार्य गुणवत्ता मानदंड लागू किए हैं।
इस संबंध में उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने 17 सितंबर को एक अधिसूचना जारी की। इसके मुताबिक, भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) का चिह्न होने पर ही स्क्रू के उत्पादन, बिक्री, व्यापार, आयात और स्टॉक करने की अनुमति दी जाएगी।
इस गुणवत्ता नियंत्रण आदेश में कई तरह के पेंचों के लिए 14 भारतीय मानकों की रूपरेखा दी गई है। हालांकि यह आदेश विदेशी विनिर्माताओं सहित बड़े और मध्यम स्तर के निर्माताओं के लिए अधिसूचना जारी होने के छह महीने बाद लागू होगा।
कारोबारी सुगमता को ध्यान में रखते हुए इस आदेश में कई तरह की छूट भी दी गई हैं। किसी भी तैयार माल या घटक के हिस्से के रूप में आयातित माल को छूट मिलेगी और निर्यात के लिए उत्पाद बनाने के लिए घरेलू निर्माताओं द्वारा आयातित उत्पादों को भी छूट दी जाएगी।
देश में पेंच की गुणवत्ता सुनिश्चित करने और एक अनुकूल परिवेश के विकास के साथ निवेश को आकर्षित करने के लिए सरकार यह अधिसूचना लेकर आई है।
इसके मुताबिक, बीआईएस अधिनियम के प्रावधान का उल्लंघन करने पर पहली बार में दो साल तक की कैद या न्यूनतम दो लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है। दूसरी बार और आगे भी इसका उल्लंघन करने पर जुर्माना न्यूनतम पांच लाख रुपये और माल के मूल्य का 10 गुना तक बढ़ जाएगा।
उत्तरी भारत स्क्रू विनिर्माता एवं कारोबारी संघ के अध्यक्ष विशाल महाजन ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि इससे चीन से घटिया स्क्रू के आयात में कटौती करने में मदद मिलेगी। भारत 10,000 से 12,000 टन स्क्रू का आयात कर रहा था।
सरकार ने जनवरी में 129 रुपये प्रति किलोग्राम से कम कीमत वाले इन स्क्रू के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया था।
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प्रेम रमण
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