स्कूल की 18 छात्राएं अस्पताल में भर्ती, सीमेंट संयंत्र से फैले प्रदूषण को कारण बताया गया |

Ankit
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बलौदाबाजार (छत्तीसगढ़), 22 जनवरी (भाषा) छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार-भाटापारा जिले में बेचैनी की शिकायत के बाद एक सरकारी स्कूल के कम से कम 18 छात्राओं को बुधवार को अस्पताल में भर्ती कराया गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।


अधिकारियों ने कहा कि बीमारी के कारणों के बारे में जानकारी नहीं मिली है लेकिन स्थानीय लोगों का दावा है कि करीब के सीमेंट प्लांट से प्रदूषण के कारण इलाके में रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ रहा है।

उन्होंने बताया कि इलाके में एक सीमेंट प्लांट के वैकल्पिक ईंधन संसाधन (एएफआर) केंद्र को बंद कर दिया गया है, क्योंकि इसके संचालन में मानदंडों का उल्लंघन पाया गया था।

बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के कलेक्टर दीपक सोनी ने बताया कि खपराडीह गांव के सरकारी उच्चतर माध्यमिक बालिका विद्यालय की लगभग 18 छात्राओं ने बेचैनी की शिकायत की, जिसके बाद उन्हें करीब के सुहेला गांव के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया।

सोनी ने बताया कि बाद में उनमें से छह को बेहतर इलाज के लिए जिला अस्पताल समेत विभिन्न अस्पतालों में भेजा गया। उन्होंने बताया कि उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।

अधिकारी ने बताया, “ स्कूल के पास स्थित श्री सीमेंट प्लांट के एएफआर सेंटर में प्रदूषण की शिकायतें मिली थीं, जिसके बाद संबंधित अधिकारियों ने वहां निरीक्षण किया। प्रथम दृष्टया एएफआर के संचालन में मानदंडों का उल्लंघन पाया गया। इसके बाद इसे बंद कर दिया गया है।”

उन्होंने बताया कि एएफआर क्षेत्र से निकलने वाली दुर्गंध के कारण छात्रों में बेचैनी हो सकती है।

हालांकि, सोनी ने कहा कि छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल, औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा और श्रम विभाग के अधिकारियों ने घटना के सटीक कारण का पता लगाने के लिए क्षेत्र में जांच शुरू कर दी है।

इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दावा किया है कि स्कूल के पास स्थित दो फैक्ट्रियों से गैस रिसाव के बाद छात्राएं बीमार पड़ गईं।

बघेल ने सोशल मीडिया मंच “एक्स’ पर लिखा है, ”माननीय मुख्यमंत्री जी! नींद से जाग गए हों तो बेहोश होते स्कूल के बच्चों की सुध ले लीजिए। बलौदाबाजार से बेहद भयावह खबर सामने आ रही है। दृश्य इतने भयावह है कि मैं यहां साझा नहीं कर सकता।”

उन्होंने कहा, “सुहेला स्थित खपराडीह स्कूल के पास गैस के रिसाव से 40 से अधिक बच्चों की तबीयत अचानक बिगड़ गई है। कुछ बच्चे बेहोश हो गए हैं, कुछ को सांस लेने में तकलीफ हो रही है। दो बच्चों की हालत गंभीर है। बाकी बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।”

बघेल ने लिखा है, ”लगातार तीन दिन से स्कूल में बच्चे बेहोश हो रहे थे, ग्रामीण लगातार प्रशासन से शिकायत कर रहे थे लेकिन प्रशासन सोया रहा और आज यह स्थिति बन गई। ग्रामीणों का कहना है कि स्कूल के पास स्थित दो बड़े संयंत्रों से प्रदूषण फैल रहा है। गैस का रिसाव हो रहा है जिस कारण से बच्चों की सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। संयंत्रों से निकलने वाले धुंआ, रासायनिक तत्व और प्रदूषक पदार्थ हवा में घुलकर बच्चों की सेहत को नुकसान पहुंचा रहे हैं।”

इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए श्री सीमेंट प्रबंधन ने कहा कि उसने आंतरिक रूप से मामले की जांच शुरू कर दी है और वह आसपास के निवासियों, श्रमिकों और उनके परिवारों के स्वास्थ्य तथा कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है।

प्लांट प्रबंधन ने एक बयान में कहा है, ‘श्री सीमेंट उन छात्रों के स्वास्थ्य के बारे में चिंतित है, जिन्हें चिकित्सा की आवश्यकता है तथा उन्हें आवश्यक चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करने में पूर्ण सहायता का आश्वासन देता है। हम समुदाय के स्वास्थ्य और कल्याण के लिए प्रतिबद्ध हैं तथा ऐसे मामलों को अत्यंत गंभीरता से लेते हैं।”

बयान में कहा गया है, ”बलौदा बाजार में हमारे संचालन से कुछ चिंताएं जुड़ी हुई हैं, हम सभी को आश्वस्त करना चाहते हैं कि श्री सीमेंट पर्यावरण मानदंडों का सख्ती से पालन करता है।”

इसमें कहा गया है, “हम वैकल्पिक ईंधन के रूप में आस-पास के संयंत्रों से खतरनाक कचरे का जिम्मेदारी से सह-प्रसंस्करण करते हैं, इसका सुरक्षित निपटान सुनिश्चित करते हैं और पर्यावरण को नुकसान से बचाते हैं। हम इस मामले की आंतरिक रूप से भी जांच कर रहे हैं, और आपको आश्वस्त करते हैं कि आस-पास के निवासियों, हमारे कामगारों और उनके परिवारों का स्वास्थ्य हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है, हम इस जिम्मेदारी को निभाने के लिए सभी आवश्यक कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

भाषा सं संजीव नोमान

नोमान



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