सोलापुर, 15 मार्च (भाषा) महाराष्ट्र के सोलापुर जिले के पोथरे निलाज गांव में एक नई पहल शुरू की गई है, जिसमें लोग अगर संकट में हों तो सिर्फ अपनी तर्जनी उंगली उठाकर मदद मांग सकते हैं। यह कदम समाज में डर और दबाव को खत्म करने के लिए उठाया गया है, जिससे लोग चुप रहने के बजाय मदद ले सकें।
ग्राम सभा ने यह फैसला महिला दिवस के मौके पर लिया। इसके तहत जो भी व्यक्ति परेशान होगा या खतरे में होगा, उसे अपनी तर्जनी उंगली उठानी होगी। यह इशारा दूसरों को बताएगा कि उस व्यक्ति को मदद की जरूरत है। फिर आसपास के लोग उसे तुरंत मदद देने के लिए आएंगे।
यह अवधारणा पोथरे निलाज के सरपंच अंकुश शिंदे के दिमाग की उपज है।
शिंदे ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘यह विचार सामाजिक कार्यकर्ता प्रमोद जिनजादे के साथ चर्चा के दौरान आया, जिन्होंने ग्रामीण महाराष्ट्र में विधवाओं से संबंधित कुछ रीति-रिवाजों को खत्म करने जैसी कई पहल शुरू की हैं।’
शिंदे ने कहा कि ग्राम सभा लोगों के बीच इस पहल का प्रचार करने की योजना बना रही है।
उन्होंने कहा कि ग्राम सभा ने राज्य सरकार से एक समर्पित व्हाट्सएप नंबर शुरू करने का भी आग्रह किया है ताकि लोग संकट में फंसे व्यक्ति का स्थान, फोटो और वीडियो साझा कर सके।
यह जानकारी वास्तविक समय में संबंधित विभाग को दी जा सकती है जो बदले में स्थानीय पुलिस को सूचित करेगा।
इस पहल के बारे में बताते हुए जिनजादे ने कहा कि समाज में विभिन्न कारणों से भय व्याप्त हो गया है, जिनमें से कुछ घरेलू हैं और कुछ असामाजिक तत्वों से संबंधित हैं।
उन्होंने कहा कि बहुत से लोग जो अपने घरों या कामकाजी जीवन में समस्याओं का सामना कर रहे होते हैं, वे डर के कारण अपनी समस्याओं के बारे में किसी से बात नहीं करते। वे असामाजिक तत्वों के कारण परेशान हो सकते हैं या अगर उन्होंने पैसे उधार लिए हैं और उन्हें चुकता नहीं कर पा रहे हैं, तो उधारी देने वाले साहूकार उन्हें तंग कर सकते हैं।
उन्होंने कहा, ‘उंगली उठाने का मतलब होगा कि संबंधित व्यक्ति को मदद की जरूरत है। इसे देखकर अन्य लोग ग्राम सेवक और सरपंच को सूचित कर सकते हैं।’
भाषा योगेश रंजन
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