सेबी आईपीओ मंजूरी में तेजी लाने के लिए एक तंत्र पर काम कर रहा है: बुच |

Ankit
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(तस्वीर के साथ)


मुंबई, दो अगस्त (भाषा) सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने शुक्रवार को कहा कि पूंजी बाजार नियामक आईपीओ मंजूरी में तेजी लाने के लिए एक तंत्र पर काम कर रहा है।

बुच ने फिक्की के ‘कैपम’ कार्यक्रम में कहा कि इसके अलावा सेबी तेजी से मंजूरी के लिए कंपनियों द्वारा दाखिल किए जा रहे आईपीओ दस्तावेजों की जांच के लिए एक कृत्रिम बुद्धिमत्ता उपकरण भी विकसित कर रहा है। यह उपकरण दिसंबर तक उपलब्ध हो जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि आईपीओ प्रक्रिया के इर्द-गिर्द एक जटिलता कायम है जैसे कि एक जटिल ‘ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस’ दाखिल करना। अब इस प्रक्रिया को इससे मुक्त करने का प्रयास किया जा रहा है।

विस्तार से बताते हुए बुच ने कहा कि सेबी एक ऐसी प्रक्रिया पर काम कर रहा है, जिसमें एक ‘टेम्पलेट’ होगा, जहां कंपनियां आईपीओ दस्तावेज तैयार करने के लिए रिक्त स्थान भर सकेंगी। किसी भी जटिलता को स्पष्ट करने तथा किसी विशेष पहलू पर भिन्नताओं को समझाने के लिए एक अलग ‘कॉलम’ होगा।

उन्होंने कहा, ‘‘ दस्तावेज सटीक और अर्थपूर्ण होगा तथा इसमें किसी भी प्रकार के बदलाव को अलग से समझाया जाएगा।’’

हालांकि, उन्होंने योजना के कार्यान्वयन के लिए कोई समय-सीमा या इसके लिए अपनाई जाने वाली प्रक्रिया के बारे में कोई जानकारी नहीं दी।

इसी कार्यक्रम में एनएसई के मुख्य कार्यकारी एवं प्रबंध निदेशक आशीष कुमार चौहान ने छोटे निवेशकों से ‘डेरिवेटिव’ में कारोबार करने से दूर रहने का आग्रह किया।

चौहान ने कहा कि सुबह खरीदना और शाम को बेचने को ‘‘निवेश’’ समझने की भूल न करें। साथ ही सही नियमन और अनुपालन की वकालत भी की।

वहीं फिक्की के अध्यक्ष एवं ऑटो प्रमुख महिंद्रा एंड महिंद्रा के मुख्य कार्यकारी अनीश शाह ने कहा कि आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए निजी कंपनियों के लिए निवेश को बढ़ावा देना जरूरी है।

उन्होंने कहा कि पिछले तीन-चार वर्षों से भारत की वृद्धि सरकारी पूंजीगत व्यय के कारण हो रही है और निजी पूंजीगत व्यय पिछड़ रहा है।

भाषा निहारिका

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