सुची सेमीकॉन ने केंद्र के प्रोत्साहन के बिना शुरू किया चिप संयंत्र, 10 करोड़ डॉलर का निवेश करेगी

Ankit
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सूरत, 15 दिसंबर (भाषा) गुजरात स्थित सुची सेमीकॉन ने केंद्र के प्रोत्साहन के बिना सेमीकंडक्टर का उत्पादन शुरू कर दिया है। कंपनी की योजना तीन साल में 10 करोड़ अमेरिकी डॉलर का निवेश करने की है। सुची समूह के चेयरमैन और सुची सेमीकॉन के संस्थापक अशोक मेहता ने यह जानकारी दी है।


मेहता ने कहा कि हालांकि कंपनी ने एसपीईसीएस (इलेक्ट्रॉनिक कलपुर्जों और सेमीकंडक्टर के विनिर्माण को बढ़ावा देने की योजना) और भारत सेमीकंडक्टर मिशन के तहत केंद्र के प्रोत्साहन के लिए आवेदन किया है, लेकिन वह प्रोत्साहन के लिए उत्पादन को रोकना नहीं चाहती है।

मेहता ने कहा, ‘‘हमारे पास एक पूरी तरह तैयार कारोबारी योजना है। हमारी कारोबारी योजना मुख्य रूप से प्रोत्साहन के लिए नहीं है। हमने कारोबार करने के लिए एक संयंत्र स्थापित किया है। केंद्र की मंजूरी तब मिलेगी जब हम उनकी आवश्यकताओं को पूरा करेंगे। हमने तीन साल में 10 करोड़ डॉलर (लगभग 840 करोड़ रुपये) के निवेश की योजना बनाई है।’’

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने संयंत्र के लिए 20 प्रतिशत प्रोत्साहन को मंजूरी दी है।

मेहता ने कहा, ‘‘कोविड के समय जब सेमीकंडक्टर की कमी थी, तब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संकट को अवसर में बदलने को कहा था। हमने उस समय सेमीकंडक्टर कारोबार में उतरने का मन बनाया था। हमने उद्योग विशेषज्ञों के साथ काफी शोध के बाद कारखाना शुरू करने का फैसला किया।’’

मेहता कपड़ा कंपनी सुची इंडस्ट्रीज के संस्थापक भी हैं।

मेहता ने कहा, ‘‘हमारे पास पहले से ही ऐसे ग्राहक हैं जिन्होंने अपनी आवश्यकताएं रखी हैं। हमारा अधिकांश उत्पादन विदेशी ग्राहकों के लिए होगा। हमने कुछ समय पहले परीक्षण उत्पादन शुरू किया है और हमारे कलपुर्जों का ग्राहकों द्वारा परीक्षण किया जा रहा है।’’

उन्होंने कहा कि कंपनी ने कपड़ा कारोबार के कुछ कोष का इस्तेमाल किया है। इसके अलावा मित्रों और परिवारों से धन जुटाया है।

मेहता ने कहा, ‘‘इसके अलावा कंपनी ने पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) से ऋण सुविधा के लिए करार किया है। हमारी निवेश योजना में केंद्र से मिलने वाला प्रोत्साहन भी शामिल है। हमें भरोसा है कि अपने प्रदर्शन के आधार पर हमें केंद्र से प्रोत्साहन मिलेगा।’’

सुची सेमीकॉन के सह-संस्थापक शीतल मेहता ने कहा कि सेमीकंडक्टर की वाणिज्यिक आपूर्ति अगले साल की पहली तिमाही में शुरू होगी।

उन्होंने कहा, ‘‘परीक्षण पूरा होने के बाद वाणिज्यिक खेप की आपूर्ति शुरू हो जाएगी। कुछ अनुप्रयोगों में जहां हमारे कलपुर्जों का उपयोग किया जाएगा, परीक्षण और अनुमोदन के लिए दो सप्ताह का समय लगता है। वहीं कुछेक के मामले में 3-4 महीने लग सकते हैं। हमें उम्मीद है कि अधिकांश अनुप्रयोगों के लिए वाणिज्यिक खेप पहली तिमाही में शुरू हो जाएगी।

भाषा अजय अजय

अजय



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