सीरिया का छोटा सा यहूदी समुदाय दुनिया के सबसे पुराने सिनेगॉग में से एक में फिर जा सकेगा

Ankit
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जोबार (सीरिया), 29 दिसंबर (एपी) सीरिया में बचे हुए कुछ यहूदी दमिश्क के इस उपनगर (जोबार) में दुनिया के सबसे पुराने सिनेगॉग (उपासना गृह) में से एक की फिर से यात्रा कर सकते हैं। एक समय पूरे क्षेत्र से लोग यहां प्रार्थना करने आते थे।


सीरिया के 13 साल के गृहयुद्ध के कारण यहूदियों का यह उपासना स्थल ‘सिनेगॉग’ आंशिक रूप से नष्ट हो गया है। दीवारें और छतें ढह गई हैं। कुछ कलाकृतियां गायब हैं। गेट पर संगमरमर पर अरबी में एक चिह्न है, जिस पर लिखा है कि इसे ईसा से 720 साल पहले बनाया गया था।

दिसंबर के आरंभ में विद्रोहियों द्वारा राष्ट्रपति बशर अल-असद को अपदस्थ किए जाने के बाद से लोग तबाह हो चुके जोबार उपनगर में सुरक्षित रूप से जा पा रहे हैं।

सीरिया कभी दुनिया के सबसे बड़े यहूदी समुदायों में से एक का घर था। वर्ष 1948 में इजराइल के गठन के बाद से यह संख्या कम होती गई।

यहूदी समुदाय के अनुसार, सीरिया में केवल नौ यहूदी रहते हैं। इनमें सारे बुजुर्ग पुरुष और महिलाएं हैं। समुदाय का मानना ​​है कि कुछ सालों में देश में कोई भी सीरियाई यहूदी नहीं बचेगा।

एलियाहू हनवी सिनेगॉग के नाम से चर्चित जोबार सिनेगॉग में बृहस्पतिवार को आए लोगों में से एक सीरिया में समुदाय के प्रमुख बखौर चामंतौब थे। पंद्रह साल में अपनी पहली यात्रा के दौरान चामंतौब (74) ने कहा, ‘‘यह सिनेगॉग हमारे लिए बहुत मायने रखता है।’’

चामंतौब ने कहा कि दुनिया भर से यहूदी लोग उन्हें फोन कर कह रहे हैं कि वे पुनर्निर्माण में मदद के लिए तैयार हैं।

एपी आशीष सुरेश

सुरेश



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