कोच्चि, 17 अप्रैल (भाषा) केरल उच्च न्यायालय ने एक याचिका पर केंद्र सरकार और मुख्यमंत्री पिनराई विजयन से जवाब मांगा है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि विजयन ने निजी खनन कंपनी से रिश्वत ली है। याचिका में इस मामले की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने का अनुरोध भी किया गया है।
न्यायमूर्ति अमित रावल और न्यायमूर्ति पी.एम. मनोज ने केंद्र सरकार, विजयन, उनकी बेटी वीना, बेटी की बंद हो चुकी आईटी कंपनी एक्सेलॉजिक, निजी खनन कंपनी सीएमआरएल और भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) समेत विभिन्न पक्षों को नोटिस जारी करके पत्रकार एम. आर अजयन की याचिका पर जवाब मांगा।
उच्च न्यायालय ने जिन अन्य लोगों को नोटिस जारी किया है उनमें सीएमआरएल के प्रबंध निदेशक एस. एन. शशिधरन कार्था, उनके पुत्र, पत्नी और दामाद शामिल हैं।
उच्च न्यायालय ने अंतरिम निपटान बोर्ड को भी नोटिस जारी किया है तथा उसे सीएमआरएल के खिलाफ आयकर कार्यवाही के संबंध में उसके निष्कर्षों में उल्लिखित व्यक्तियों की सूची सीलबंद लिफाफे में दाखिल करने को कहा है।
मामले की अगली सुनवाई 27 मई को होगी।
अजयन ने दावा किया है कि सीएमआरएल के खिलाफ आयकर कार्यवाही के संबंध में अंतरिम निपटान बोर्ड ने पाया था कि खनन कंपनी ने वीना की कंपनी को पैसे दिए थे।
उन्होंने अधिवक्ता शाजी चिरायथ के माध्यम से दायर याचिका में यह आरोप भी लगाया है कि कंपनी ने विजयन की बेटी की कंपनी के माध्यम से विजयन को पैसे दिए थे।
याचिका में मामले की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो से जांच कराने की मांग की गई है। इसके अलावा सेबी को सीएमआरएल के स्टॉक और शेयरों को ‘डीलिस्ट’ करने का निर्देश देने की भी मांग की गई है।
गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) ने इस महीने की शुरुआत में सीएमआरएल और वीना तथा उनकी अब बंद हो चुकी आईटी कंपनी एक्सालॉजिक सहित अन्य के खिलाफ कथित ‘अवैध भुगतान’ घोटाले के सिलसिले में आरोपपत्र दाखिल किया था।
एसएफआईओ की कथित कार्रवाई केरल उच्च न्यायालय द्वारा कांग्रेस विधायक मैथ्यू कुझालनदन की उस याचिका को खारिज करने के करीब एक सप्ताह बाद हुई जिसमें निजी खनन कंपनी सीएमआरएल और एक्सालॉजिक के बीच कथित वित्तीय लेन-देन को लेकर विजयन के खिलाफ सतर्कता जांच की मांग की गई थी।
खबरों के अनुसार, एसएफआईओ जांच में खनन कंपनी के भीतर 182 करोड़ रुपये की ‘धोखाधड़ी’ का पता चला है, जिसमें कई अन्य लोग भी आरोपी हैं।
खबरों कहा गया है कि अवास्तविक खर्चों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करके और फर्जी बिल के जरिए धोखाधड़ी की गई।
एसएफआईओ जांच में कथित तौर पर पाया गया कि वीना ने बिना कोई सेवा दिए निजी खनन कंपनी से 2.7 करोड़ रुपये प्राप्त किए थे। मुख्यमंत्री विजयन ने हाल ही में इस आरोप का खंडन किया था।
भाषा जोहेब मनीषा
मनीषा