सीओसी ने आईआईएचएल के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी |

Ankit
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नयी दिल्ली, दो अगस्त (भाषा) कर्ज में डूबी रिलायंस कैपिटल (आरसीएपी) के ऋणदाताओं ने हिंदुजा समूह की इकाई इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स को सुधारात्मक कार्रवाई के प्रति चेतावनी दी है क्योंकि वह एनसीएलटी द्वारा लगाई गई शर्तों का पालन करने में विफल रही है। इन शर्तों में किसी तीसरे पक्ष के (एस्क्रो) खाते में 250 करोड़ रुपये जमा कराना भी शामिल है।


रिलायंस कैपिटल के लिए सफल बोलीदाता इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स (आईआईएचएल) को राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण ( एनसीएलटी ), मुंबई द्वारा कुछ शर्तों के अधीन 10 अगस्त तक विस्तार दिया गया है।

एनसीएलटी के 23 जुलाई के आदेश के अनुसार, सफल बोलीदाता को 31 जुलाई, 2024 तक कुछ शर्तों का पालन करना था।

इन शर्तों में 31 जुलाई तक घरेलू एस्क्रो खाते में 250 करोड़ रुपये की प्रारंभिक इक्विटी राशि और ऋणदाताओं की समिति (सीओसी) के अपतटीय एस्क्रो खाते में 2,500 करोड़ रुपये जमा करना शामिल था।

आईआईएचएल 31 जुलाई की समय सीमा को पूरा करने में विफल रहा। एक अगस्त को सीओसी की ओर से कार्यरत ट्रस्टीशिप, विस्तारा आईटीसीएल ने आईआईएचएल को एक पत्र लिखा कि उसने एनसीएलटी के आदेश का पालन नहीं किया है, अब ऋणदाताओं के पास उसके द्वारा प्रस्तुत समाधान योजना के अनुसार अपने अधिकार और उपचार सुरक्षित हैं।

पीटीआई-भाषा को मिले पत्र में कहा गया है कि 31 जुलाई 2024 तक सीओसी द्वारा नामित खातों में धनराशि जमा नहीं की गई है।

इसमें कहा गया, “प्रशासक द्वारा आपको सीओसी खातों और उनसे प्राप्त कोष प्रवाह का विवरण 26 जुलाई, 2024 और 27 जुलाई, 2024 को सूचित किया गया था।”

आदेश के अनुसार, आईआईएचएल को निगरानी समिति को 7,300 करोड़ रुपये की ऋण राशि के लिए बाध्यकारी निष्पादित टर्म शीट्स की प्रतियां भी पेश करनी थीं।

भाषा अनुराग पाण्डेय

पाण्डेय



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