बेंगलुरु, 29 मार्च (भाषा) कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से शनिवार को अनुरोध किया कि वह कित्तूर की पूर्व रियासत की रानी चेन्नम्मा की समाधि को प्राचीन स्मारक और पुरातात्विक स्थल एवं अवशेष अधिनियम, 1958 के तहत ‘‘राष्ट्रीय महत्व का स्मारक’’ घोषित करें।
रानी चेन्नम्मा ने ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ सशस्त्र प्रतिरोध का नेतृत्व किया था।
सिद्धरमैया ने बेलगावी जिले के बैलाहोंगाला तालुका में स्थित समाधि के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए मोदी को लिखे पत्र में कहा कि रानी चेन्नम्मा का भारत के इतिहास में एक अद्वितीय स्थान है और वह औपनिवेशिक शासन के खिलाफ सशस्त्र प्रतिरोध का सबसे पहले नेतृत्व करने वाली महिलाओं में से एक थीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रानी चेन्नम्मा की वीरता और उनका अदम्य साहस देश की आगामी पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा।
सिद्धरमैया ने पत्र में इस बात पर जोर दिया कि रानी चेन्नम्मा की समाधि भारत के स्वतंत्रता संग्राम की शाश्वत भावना का प्रतीक एवं पवित्र स्थल है।
उन्होंने लिखा, ‘‘यह साहस और बलिदान की एक मिसाल है, जो 1824 में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की ताकत को चुनौती देने वाली महिला के दृढ़ संकल्प को दर्शाती है।’’
उन्होंने जोर देकर कहा कि प्राचीन स्मारक और पुरातत्व स्थल एवं अवशेष अधिनियम, 1958 के तहत इस स्थल को ‘‘राष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण स्मारक’’ के रूप में मान्यता देना उनकी विरासत को संरक्षित करने और राष्ट्र के लिए उनके योगदान का सम्मान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
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सिम्मी रंजन
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