सिंगापुर ने जीडीपी वृद्धि का अनुमान घटाकर किया 0-2 प्रतिशत

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(गुरदीप सिंह)


सिंगापुर, 14 अप्रैल (भाषा) सिंगापुर ने 2025 के लिए अपने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 0-2 प्रतिशत कर दिया है।

व्यापार एवं उद्योग मंत्रालय (एमटीआई) ने सोमवार (14 अप्रैल) को इस घोषणा में वैश्विक व्यापार पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शुल्क के प्रभाव का हवाला दिया।

सिंगापुर के मौद्रिक प्राधिकरण (एमएएस), वास्तविक केंद्रीय बैंक ने भी लगातार दूसरी बार मौद्रिक नीति में नरमी का रुख अपनाया क्योंकि अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध के कारण आर्थिक आशंकाएं बढ़ रही हैं ।

एमटीआई के अनुसार, फरवरी में सिंगापुर की जीडीपी वृद्धि का अनुमान एक से तीन प्रतिशत था। इसमें अमेरिका और चीन सहित सिंगापुर के प्रमुख व्यापारिक साझेदारों की समग्र वृद्धि में अपेक्षित कमी को ध्यान में रखा गया था। हालांकि अब 2025 के जीडीपी वृद्धि अनुमान को घटाकर 0-2 प्रतिशत कर दिया गया है।

एमटीआई ने कहा, ‘‘ तब से अमेरिका ने सभी देशों पर 10 प्रतिशत का आधारभूत शुल्क लगाया है तथा अमेरिका के साथ बड़े व्यापार अधिशेष वाले देशों पर उच्च जवाबी शुल्क लगाया है।’’

उन्होंने कहा कि अमेरिका के शुल्क और अमेरिका तथा चीन के बीच जारी व्यापार युद्ध से ‘‘ वैश्विक व्यापार व वैश्विक आर्थिक वृद्धि पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ने की आशंका है।’’

क्षेत्र की अर्थव्यवस्थाओं के विकास के दृष्टिकोण पर बाह्य मांग में गिरावट का ‘‘ नकारात्मक प्रभाव’’ पड़ेगा जो आंशिक रूप से वैश्विक व्यापार व वृद्धि पर शुल्क के व्यापक असर के कारण होगा।

एमटीआई ने कहा, ‘‘ व्यापार और उपभोक्ता भावनाएं भी कम होंगी, जिससे कई अर्थव्यवस्थाओं में घरेलू खपत व निवेश कम हो जाएगा।’’

मंत्रालय के अग्रिम अनुमानों के अनुसार, 2025 की पहली (जनवरी-मार्च) तिमाही में सिंगापुर की अर्थव्यवस्था 3.8 प्रतिशत बढ़ेगी, जो पिछली तिमाही की पांच प्रतिशत की वृद्धि से कम है।

एमटीआई ने 90 दिन की अस्थायी रोक के साथ ही अमेरिका और चीन के बीच शुल्क युद्ध का उल्लेख किया। चीन ने अमेरिकी वस्तुओं पर शुल्क बढ़ाकर 125 प्रतिशत कर दिया है।

मंत्रालय ने कहा, ‘‘ अमेरिका का वृद्धि परिदृश्य खराब है, क्योंकि आयात लागत बढ़ने से खपत कमजोर होने की आशंका है। चीन का वृद्धि परिदृश्य भी नरम पड़ गया है, क्योंकि अमेरिका के साथ व्यापार युद्ध के बीच उसके निर्यात में वृद्धि रुकने के आसार हैं।’’

भाषा निहारिका मनीषा

मनीषा



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