मुंबई, 14 जनवरी (भाषा) महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने बीड जिले में सरपंच संतोष देशमुख की हत्या को मंगलवार को एक ‘‘नृशंस’’ कृत्य करार दिया और कहा कि अपराध में शामिल व्यक्तियों को कड़ी सजा मिलेगी।
बीड जिले के मसाजोग के सरपंच देशमुख को नौ दिसंबर को कथित तौर पर कुछ लोगों द्वारा पवनचक्की परियोजना का संचालन कर रही एक कंपनी से जबरन वसूली के प्रयास का विरोध करने को लेकर अपहृत कर लिया गया था और बाद में प्रताड़ित करने के पश्चात उनकी हत्या कर दी गई थी।
पुलिस ने हत्या का एक मामला और हत्या से जुड़ा जबरन वसूली का एक मामला दर्ज किया है।
पवार ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘सरपंच संतोष देशमुख की हत्या के बाद से हम सभी ने कहा है कि इसमें जो भी शामिल है, उसे बख्शा नहीं जाएगा। यह एक नृशंस हत्या थी। दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए।’’
महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री धनंजय मुंडे के करीबी सहयोगी वाल्मीक कराड देशमुख की हत्या से जुड़े जबरन वसूली मामले में मुख्य आरोपी हैं और फिलहाल जेल में बंद हैं। बीड जिले के रहने वाले मुंडे, अजित पवार की पार्टी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) से ताल्लुक रखते हैं।
उपमुख्यमंत्री पवार ने कहा कि उन्होंने बीड जिले के पुलिस अधीक्षक (एसपी) को दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘हत्या को एक महीने से अधिक हो गया है और (देशमुख के) परिवार के सदस्य चिंतित हो सकते हैं कि जांच में कोई प्रगति हो रही है या नहीं। मामले में राज्य सीआईडी और एसआईटी जांच जारी है।’’
हत्या के मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
पवार ने एक सवाल के जवाब में कहा कि हत्या और जबरन वसूली के मामलों में किसी के द्वारा जांच को प्रभावित करने का कोई सवाल ही नहीं उठता।
पवार ने कहा, ‘‘मैंने कभी किसी के साथ उसकी जाति या धार्मिक मान्यताओं के आधार पर अलग व्यवहार नहीं किया। अगर कोई गलत व्यवहार करता है और उसके खिलाफ सबूत हैं, तो उचित कार्रवाई की जाएगी।’’
एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि राज्य के विभिन्न जिलों के लिए प्रभारी मंत्री नियुक्त करना मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का विशेषाधिकार है।
पवार ने कहा, ‘‘यह आंशिक रूप से सच है कि विभागों के आवंटन में कुछ समय लगा। मुझे उम्मीद है कि इसका (जिलों के प्रभारी मंत्रियों की नियुक्ति) मुख्यमंत्री की दावोस यात्रा (विश्व आर्थिक मंच की वार्षिक बैठक में भाग लेने के लिए) से पहले समाधान हो जाएगा।’’
दावोस में सीईओ, व्यापार और राजनीतिक नेताओं का पांच दिवसीय वार्षिक समागम 20 जनवरी से शुरू हो रहा है।
भाषा अमित दिलीप
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