नयी दिल्ली, 14 अप्रैल (भाषा) वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय स्टार्टअप के लिए 10,000 करोड़ रुपये की दूसरी ‘फंड ऑफ फंड्स स्कीम’ (एफएफएस) का बड़ा हिस्सा नए युग की प्रौद्योगिकी, कृत्रिम मेधा और ‘मशीन बिल्डिंग’ जैसे क्षेत्रों में उभरते उद्यमियों को आवंटित करेगा।
सरकार ने बजट में 10,000 करोड़ रुपये के कोष के साथ एक नई एफएफएस की घोषणा की है। 2016 में भी सरकार ने इसी तरह की योजना शुरू की थी।
अधिकारी ने कहा, ‘‘ हम 10,000 करोड़ रुपये के इस कोष का बड़ा हिस्सा नए युग की प्रौद्योगिकी, कृत्रिम मेधा (एआई और) ‘मशीन बिल्डिंग’ के लिए समर्पित करने जा रहे हैं।’’
इससे पहले 2016 योजना उद्यम पूंजी निवेश को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई थी। इसका संचालन भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) द्वारा किया जाता है, जो भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) में पंजीकृत एआईएफ को पूंजी प्रदान करता है, जो बदले में स्टार्टअप में निवेश करते हैं। सिडबी के ही दूसरी योजना का प्रबंधन करने की उम्मीद है।
नवाचार को बढ़ावा देने और स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए देश में एक मजबूत परिवेश बनाने के इरादे से सरकार ने 16 जनवरी 2016 को ‘स्टार्टअप इंडिया’ पहल शुरू की थी।
सरकार की पात्रता शर्तों के अनुसार, विभाग द्वारा स्टार्टअप इंडिया पहल के तहत संस्थाओं को ‘स्टार्टअप’ के रूप में मान्यता दी जाती है। अब तक 55 से अधिक उद्योगों में 1,50,000 से अधिक संस्थाओं को स्टार्टअप के रूप में मान्यता दी गई है।
ये इकाइयां स्टार्टअप इंडिया कार्य योजना के तहत कर तथा गैर-कर प्रोत्साहन प्राप्त करने के लिए पात्र हैं।
भाषा निहारिका नरेश
नरेश