नयी दिल्ली, 28 मार्च (भाषा) खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि सरकार मासिक भंडारण रखने की सीमा के आदेशों का उल्लंघन करने वाली चीनी मिलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी।
मंत्रालय ने जमाखोरी को रोकने और मूल्य वृद्धि को नियंत्रित करने के लिए सफेद/परिष्कृत चीनी के लिए मासिक भंडारण सीमा निर्धारित की है। अप्रैल के लिए यह सीमा 23.5 लाख टन निर्धारित की गई है।
मिलों को जारी निर्देश में मंत्रालय ने कहा कि उसने पाया है कि कुछ समूह और व्यक्तिगत चीनी मिलों द्वारा पूर्व में दी गई चेतावनियों के बावजूद बार-बार उल्लंघन किया जा रहा है, जिसके कारण नए तथा सख्त दिशा-निर्देश जारी किए जा रहे हैं।
इसमें कहा गया है कि पहली बार उल्लंघन करने पर, बेची गई अतिरिक्त चीनी का 100 प्रतिशत अगले महीने जारी होने वाली खेप से दंड स्वरूप काट लिया जाएगा। दूसरी बार उल्लंघन पर 115 प्रतिशत, तीसरे बार उल्लंघन पर 130 प्रतिशत तथा चौथे उल्लंघन पर 150 प्रतिशत की कटौती की जाएगी।
बिना सूचना के कुल भंडार के 90 प्रतिशत से कम चीनी भेजने वाली मिलों को भविष्य में आवंटन प्रतिबंधित कर दिया जाएगा।
चीनी सत्र में कई बार उल्लंघन करने पर मिलों को अतिरिक्त चीनी जारी करने और सरकारी योजना के लाभ से वंचित कर दिया जाएगा। डीएफपीडी और डीएसवीओ की किसी भी योजना के तहत भी कोई लाभ नहीं मिलेगा।
एथेनॉल खरीद आवंटन भी कम किया जा सकता है।
मंत्रालय मासिक भंडार आदेश जारी करते हुए कटौती की गई मात्रा को अनुपालन करने वाली चीनी मिलों के बीच वितरित करेगा।
एक अप्रैल 2025 से प्रभावी दिशा-निर्देशों का उद्देश्य चीनी बाजार में निरंतर आपूर्ति और मूल्य स्थिरता सुनिश्चित करना है।
भाषा निहारिका मनीषा
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