सरकार ने संस्कृति क्षेत्र का बजट 100 करोड़ रुपये बढ़ाया |

Ankit
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नयी दिल्ली, एक फरवरी (भाषा) सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए संस्कृति मंत्रालय के लिए बजटीय आवंटन में वृद्धि की है, जिसमें चालू वित्त वर्ष में 3,260.93 करोड़ रुपये के संशोधित अनुमान के मुकाबले कुल आवंटन 3,360.96 करोड़ रुपये किया गया है।


मंत्रालय के भीतर, एक बड़ा हिस्सा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को गया है, जिसे 2024-25 में आवंटित 1273.91 करोड़ रुपये के मुकाबले 1,278.49 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। चालू वर्ष में आवंटन को संशोधित कर 1191.99 करोड़ रुपये कर दिया गया था।

यद्यपि सरकार सांस्कृतिक विकास को प्रोत्साहित कर रही है हालांकि शताब्दी और वर्षगांठ के कार्यक्रमों के आयोजन के लिए धन में काफी कमी की है।

इन उत्सवों के लिए बजट 2024-25 में 110 करोड़ रुपये था जिसे घटाकर 2025-26 में सिर्फ 35 करोड़ रुपये कर दिया गया है।

हालांकि, बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती, संविधान दिवस की 75वीं वर्षगांठ और अहिल्या बाई होल्कर की 300वीं जयंती जैसे प्रमुख समारोह अब भी सरकारी सहायता से मनाए जाएंगे।

अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक सहयोग के लिए निर्धारित निधि में भी 2024-25 में 10.50 करोड़ रुपये से 2025-26 में 4.65 करोड़ रुपये तक की भारी गिरावट देखी गई है।

एएसआई वह एजेंसी है जिसे यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों सहित 3,693 केंद्रीय संरक्षित स्मारकों के संरक्षण और विकास का कार्य सौंपा गया है।

अन्य आवंटनों के अलावा, ऐतिहासिक अभिलेखों और दस्तावेज के रखरखाव को सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय पुस्तकालयों और अभिलेखागार के लिए 156.55 करोड़ रुपये रखे गए हैं।

राष्ट्रीय संग्रहालय और राष्ट्रीय आधुनिक कला गैलरी जैसे संग्रहालयों को सांस्कृतिक संरक्षण प्रयासों को बढ़ाने के लिए 126.63 करोड़ रुपये मिलेंगे।

भारतीय कलाओं और कलाकारों को बढ़ावा देने वाली प्रमुख योजना कला संस्कृति विकास योजना (केएसवीवाई) के लिए 198.50 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।

प्राचीन लिपियों के संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय पांडुलिपि मिशन को 60 करोड़ रुपये दिए जाएंगे, जो पिछले वर्षों की तुलना में काफी अधिक है।

इस बीच, सांस्कृतिक मानचित्रण पर राष्ट्रीय मिशन के लिए 22.46 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं, जिसका उद्देश्य एकीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म के तहत सांस्कृतिक गतिविधियों को समेकित करना है।

सरकार संगीत नाटक अकादमी, साहित्य अकादमी, राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र जैसे स्वायत्त सांस्कृतिक संस्थानों को महत्वपूर्ण वित्तीय सहायता प्रदान करना जारी रखेगी।

इन निकायों को सामूहिक रूप से 411.42 करोड़ रुपये मिलेंगे। इसके अतिरिक्त, विक्टोरिया मेमोरियल और भारतीय संग्रहालय सहित संग्रहालयों को उनके प्रदर्शन और संपर्क कार्यक्रमों को बढ़ाने के लिए 379.58 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

भाषा वैभव पवनेश

पवनेश



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