नयी दिल्ली, पांच मार्च (भाषा) सरकार ने बुधवार को उत्तराखंड में दो रोपवे परियोजनाओं को मंजूरी दे दी। इनमें सोनप्रयाग से केदारनाथ (12.9 किलोमीटर) और गोविंदघाट से हेमकुंड साहिबजी (12.4 किमी) रोपवे परियोजनाएं शामिल हैं, जिनपर कुल 6,811 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
इन दो महत्वाकांक्षी परियोजनाओं के निर्माण की समयसीमा चार से छह वर्ष निर्धारित की गई है।
आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) के निर्णयों की जानकारी सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी।
सोनप्रयाग से केदारनाथ तक 12.9 किमी लंबे रोपवे का निर्माण डिजाइन, निर्माण, वित्त, संचालन और हस्तांतरण (डीबीएफओटी) प्रारूप पर किया जाएगा, जिसकी कुल लागत 4,081.28 करोड़ रुपये होगी।
रोपवे को सार्वजनिक-निजी भागीदारी में विकसित करने की योजना है और यह सबसे उन्नत ‘ट्राई-केबल डिटैचेबल गोंडोला’ (3एस) प्रौद्योगिकी पर आधारित होगा, जिसके तहत प्रति घंटे हर ओर 1,800 यात्री यात्रा कर सकेंगे। रोपवे के जरिये प्रतिदिन 18,000 यात्री यात्रा कर सकेंगे।
वैष्णव ने बताया कि गोविंदघाट से हेमकुंड साहिबजी तक 12.4 किमी लंबी रोपवे परियोजना को भी डीबीएफओटी प्रारूप पर विकसित किया जाएगा, जिसपर कुल लागत 2,730.13 करोड़ रुपये आएगी।
वर्तमान में हेमकुंड साहिबजी की यात्रा गोविंदघाट से 21 किमी की चुनौतीपूर्ण चढ़ाई है और इसे पैदल या टट्टुओं या पालकियों द्वारा पूरा किया जाता है। प्रस्तावित रोपवे की योजना हेमकुंड साहिबजी के दर्शन करने वाले तीर्थयात्रियों और फूलों की घाटी में आने वाले पर्यटकों को सुविधा प्रदान करने के लिए बनाई गई है, और यह गोविंदघाट तथा हेमकुंड साहिब जी के बीच सभी मौसम में कनेक्टिविटी सुनिश्चित करेगा।
केदारनाथ मंदिर तक की यात्रा गौरीकुंड से 16 किमी की चुनौतीपूर्ण चढ़ाई है और वर्तमान में इसे पैदल या टट्टुओं, पालकियों या हेलीकॉप्टर द्वारा पूरा किया जाता है। प्रस्तावित रोपवे का उद्देश्य मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं को सुविधा प्रदान करना तथा सोनप्रयाग और केदारनाथ के बीच सभी मौसम में कनेक्टिविटी सुनिश्चित करना है।
भाषा नेत्रपाल सुभाष
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