नयी दिल्ली, 14 अगस्त (भाषा) दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के साथ कृषि संबंधों को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने बुधवार को कृषि और संबद्ध विज्ञान में उच्च शिक्षा के लिए आसियान-भारत फेलोशिप कार्यक्रम का अनावरण किया।
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की कि 2024-25 से शुरू होने वाले पांच साल में आसियान देशों के छात्रों को 50 फेलोशिप प्रदान की जाएंगी।
अगले पांच वर्षों के लिए प्रति वर्ष दस फेलोशिप प्रदान की जाएंगी। इसमें कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में मास्टर (स्नात्कोत्तर) डिग्री कार्यक्रम शामिल होंगे और पहले बैच के लिए 27 अगस्त अंतिम तिथि है।
आसियान-भारत कोष द्वारा वित्तपोषित इस पहल में चयनित छात्रों के लिए प्रवेश शुल्क, रहने का खर्च और आकस्मिक खर्च शामिल होंगे।
चौहान ने भारत और आसियान देशों के बीच समान कृषि-जलवायु क्षेत्रों का हवाला देते हुए कृषि सहयोग की ‘‘अपार संभावनाओं’’ पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम युवा शोधकर्ताओं के लिए आम कृषि चुनौतियों से निपटने के लिए अवसरों की मौजूदा कमी को दूर करेगा।
चौहान ने कहा, ‘‘इससे कृषि और संबद्ध विज्ञान के विकास के लिए आसियान में विशेषज्ञ मानव संसाधनों के एक समूह के विकास को बढ़ावा मिलेगा।’’
मंत्री ने भारत की विश्वस्तर की मान्यता प्राप्त कृषि अनुसंधान सुविधाओं पर प्रकाश डाला। नई फेलोशिप का उद्देश्य आसियान छात्रों को शीर्ष भारतीय कृषि विश्वविद्यालयों में अत्याधुनिक शोध से परिचित कराना है।
भारत के मौजूदा अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों में नेताजी सुभाष फेलोशिप और भारत-अफ्रीका फेलोशिप शामिल हैं। वर्तमान में, लगभग 135 विदेशी छात्र भारतीय कृषि संस्थानों में डिग्री प्राप्त कर रहे हैं।
भाषा राजेश राजेश अजय
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