सरकार का है एक समुदाय के प्रति पक्षपातपूर्ण रवैया, हिंसा भड़काने वालों पर क्या किया गया: कांग्रेस |

Ankit
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नागपुर, 22 मार्च (भाषा) कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के नेता माणिकराव ठाकरे ने शनिवार को ‘महायुति’ सरकार पर एक विशेष समुदाय के प्रति पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाया और दावा किया कि पुलिस ने उनकी पार्टी की तथ्यान्वेषण समिति को नागपुर में हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा करने की अनुमति नहीं दी।


पार्टी की सात सदस्यीय समिति के प्रमुख ठाकरे ने इस बात पर भी आश्चर्य जताया कि सरकार नागपुर हिंसा की निष्पक्ष जांच कैसे सुनिश्चित करेगी।

ठाकरे ने यहां प्रेसवार्ता में कहा कि सरकार अपने नागरिकों की सुरक्षा करने में विफल रही है, जबकि उसके मंत्रियों ने नियमित रूप से एक विशेष समुदाय को निशाना बनाया और नफरत फैलाई।

उन्होंने कहा कि न केवल आगजनी और हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ, बल्कि इसे भड़काने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए।

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘हमने यहां हिंदुओं और मुसलमानों से मुलाकात की, ताकि घटनाओं के क्रम को समझा जा सके और यह पता लगाया जा सके कि कौन जिम्मेदार है।’’

उन्होंने पुलिस पर कर्फ्यू के बहाने पार्टी की तथ्यान्वेषण समिति को शहर के हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा नहीं करने देने का आरोप लगाया।

ठाकरे की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कार्रवाई का वादा किया है और कहा है कि सरकार दंगाइयों से क्षतिग्रस्त संपत्ति की कीमत वसूलेगी और यदि वे क्षतिपूर्ति करने में विफल रहे, तो नुकसान की भरपाई के लिये उनकी संपत्ति जब्त कर बेच दी जाएगी।

जब मुख्यमंत्री से पूछा गया कि क्या नागपुर हिंसा के दोषियों पर “उत्तर प्रदेश शैली” में कार्रवाई की जाएगी, तो उन्होंने कहा कि यदि आवश्यक हुआ तो बुलडोजर चलाया जाएगा।

ठाकरे ने पुलिस और सरकार पर “अर्ध-सत्य” परोसने का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा, ‘‘कानून और व्यवस्था बनाये रखना सरकार का कर्तव्य है। लेकिन ऐसा लगता है कि मंत्रियों और भाजपा से जुड़े संगठनों ने राज्य में शांति को नष्ट करने की जिम्मेदारी अपने हाथ में ले ली है। नागपुर शहर ने कभी ऐसी हिंसा नहीं देखी। यह हमेशा शांतिपूर्ण रहा है।’’

नागपुर में 17 मार्च को तब हिंसा भड़की थी, जब यह अफवाह फैली कि छत्रपति संभाजीनगर में औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के नेतृत्व में निकाले गये विरोध प्रदर्शन के दौरान पवित्र पुस्तक की पंक्तियां लिखी एक ‘चादर’ जलाई गई। इस हिंसा में पुलिस उपायुक्त स्तर के तीन अधिकारियों समेत 33 पुलिसकर्मी घायल हो गए।

ठाकरे ने कहा, ‘‘धार्मिक भावनाओं और आस्था को ठेस पहुंचाने के उद्देश्य से विरोध प्रदर्शन की अनुमति क्यों दी गई। आदर्श स्थिति है कि पुलिस समाज में शांति भंग करने के किसी भी प्रयास की अनुमति नहीं देती है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘औरंगजेब की कब्र की प्रतिकृति के साथ, कुरान की आयतों वाली एक हरी ‘चादर’ जलाई गई और इसके सबूत हैं।’’

भाषा

राजकुमार दिलीप

दिलीप



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