गोरखपुर, (उप्र) 12 फरवरी (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा कि सनातन धर्म सुरक्षित रहेगा तो न केवल भारत सुरक्षित रहेगा बल्कि वैश्विक मानवता सुरक्षित रहेगी।
गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी ने कहा, ‘‘सनातन धर्म वास्तव में मानव धर्म है। सनातन धर्म ही वैश्विक मानवता का धर्म है। सनातन धर्म सुरक्षित रहेगा तो न केवल भारत सुरक्षित रहेगा बल्कि वैश्विक मानवता सुरक्षित रहेगी।”
वह गोरखनाथ मंदिर में श्रृंगेरी शारदा पीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य विधुशेखर भारती सन्निधानम के आशीर्वचन के पूर्व उनके अभिनंदन समारोह को संबोधित कर रहे थे।
गोरखनाथ मंदिर के महंत दिग्विजयनाथ स्मृति भवन सभागार में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी ने जगद्गुरु शंकराचार्य को अंगवस्त्र ओढ़ाकर तथा उपहार भेंटकर उनका स्वागत किया।
इस अवसर पर उन्होंने कहा, ‘‘सनातन धर्म प्रचीन काल से है। समय समय पर इस पर अनेक प्रहार हुए लेकिन भगवान की अवतार परंपरा, संतों, ऋषियों और महामानवों ने इसका संरक्षण किया और सनातन धर्मावलंबियों के सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की।”
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘दुनिया में अनेक पंथ, संप्रदाय, मत, मजहब ने अपने विचार लोगों पर थोपने के प्रयास किए लेकिन सनातन अपने विचार किसी पर थोपता नहीं है। यह जीवन जीने के तरीके को स्वतंत्रता, उन्मुक्तता और सहजता से आगे बढ़ाने का मार्ग दिखाता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘सनातन धर्म को किसी एक परिभाषा में सीमित नहीं किया जा सकता। वास्तव में यह कृत और कर्ता के प्रति कृतज्ञता का भाव है। वाल्मीकि रामायण में भी यही बात उल्लिखित है।’’
गोरक्षपीठाधीश्वर ने कहा, ‘‘एक समय यह लगने लगा था कि सनातन धर्म समाप्त हो जाएगा पर तब सनातन परंपरा को भगवान आदि शंकराचार्य ने पुनर्जीवित किया। सनातन धर्म की परंपरा को सतत आगे बढ़ाने के लिए उन्होंने विजय यात्रा निकाली, शास्त्रार्थ किया और देश के चार कोनों में चार धर्म पीठों, उत्तर में ज्योर्तिष, पूरब के जगन्नाथ, पश्चिम में द्वारिका और दक्षिण में श्रृंगेरी पीठ की स्थापना की।’’
जगद्गुरु शंकराचार्य विधुशेखर भारती जी का उत्तर प्रदेश में आगमन सर्वप्रथम प्रयागराज महाकुंभ में हुआ, इसके बाद काशी और अयोध्या की यात्रा कर सनातन धर्मावलंबियों को आशीष देते हुए गोरखपुर पधारे हैं।
शंकराचार्य जी जहां भी गए जनता ने हर्षोल्लास के साथ उनके अभिनंदन का गौरव प्राप्त किया।
आदित्यनाथ ने कहा कि प्रयागराज का महाकुंभ पूरे विश्व को एकता का संदेश दे रहा है।
भाषा आनन्द खारी
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