सत्ता परिवर्तन के बावजूद बांग्लादेश-भारत संबंध ‘बहुत घनिष्ठ’ बने रहने चाहिए: यूनुस |

Ankit
4 Min Read


(अनीसुर रहमान)


ढाका, आठ अक्टूबर (भाषा) बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने कहा है कि देश में हाल में हुए सत्ता परिवर्तन के बावजूद ढाका-दिल्ली संबंध ‘‘बहुत घनिष्ठ’’ बने रहने चाहिए और ऐसा होना दोनों देशों के हित में है।

अर्थशास्त्री यूनुस (84) आठ अगस्त को तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे के बाद मुख्य सलाहकार बने थे। हसीना छात्रों के आंदोलन के बीच पांच अगस्त को देश छोड़कर चली गई थीं।

बांग्ला भाषा के दैनिक ‘प्रथम आलो’ में प्रकाशित खबर के अनुसार, यूनुस ने कहा, ‘‘दोनों देशों के बीच संबंध बहुत करीबी होने चाहिए। इसका कोई विकल्प नहीं हो सकता। उन्हें इसकी जरूरत है, हमें इसकी जरूरत है। यह हर दृष्टिकोण से जरूरी है, चाहे वह अर्थव्यवस्था, सुरक्षा या पानी का मामला हो।’’

द्विपक्षीय संबंधों में हाल के तनाव को लेकर पूछे जाने पर यूनुस ने कहा कि बांग्लादेश में हाल की घटनाओं ने भारत को ‘निराश’’ किया होगा और ‘‘वे बदलावों से खुश नहीं हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे लिए एक-दूसरे के बिना आगे बढ़ना मुश्किल होगा। यह स्वाभाविक है कि हमारे बीच हर क्षेत्र में घनिष्ठ और अच्छे संबंध हों।’’

संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार, हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के बाहर होने के बाद बांग्लादेश में हुए हिंसक प्रदर्शनों के दौरान हिंदुओं समेत 600 से अधिक लोग मारे गए थे।

यूनुस ने कहा, ‘‘जब वे देखेंगे कि पूरा विश्व हमें स्वीकार कर रहा है, तो उन्हें चीजें स्पष्ट हो जाएंगी, वे हमें कैसे स्वीकार नहीं कर सकते?’’

उन्होंने कहा कि जहां तक ​​दक्षिण एशियाई कूटनीति का सवाल है, उनकी अंतरिम सरकार भारत के साथ संबंधों को मजबूत करने और साथ ही दक्षेस (दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन) को मजबूत करने पर बहुत अधिक महत्व देती है।

यूनुस ने कहा कि भारत को बांग्लादेश के साथ अच्छे संबंध बनाने चाहिए, इसलिए नहीं कि ‘‘हम उन्हें मजबूर कर रहे हैं’’, बल्कि इसलिए कि यह ‘‘उनके अपने हित के लिए भी जरूरी है।’’

यूनुस ने कई वर्ष पहले इस बात पर जोर दिया था कि बांग्लादेश को “दो दिग्गजों – भारत और चीन के साथ बढ़ने” का अवसर लेना चाहिए।

जब उनसे इस टिप्पणी के संबंध में उनके आज के विचार पूछे गए तो उन्होंने कहा, ‘‘कई साल पहले मैंने कहा था कि यह हमारे लिए बहुत बड़ा फायदा है।’’

यूनुस ने कहा, ‘‘तथ्य यह है कि हम दो बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच स्थित हैं, यह हमारी ताकत है, कमजोरी नहीं। हम दोनों देशों से सीख सकते हैं। दोनों देशों में हमारे बाजार होंगे। दोनों देश हमारे पास आएंगे।’’

यूनुस ने कहा कि बांग्लादेश को इन दोनों देशों के साथ संबंध बनाए रखने चाहिए और ‘‘यह हमारे लिए एक मौका है।’’

दक्षेस मुद्दे पर यूनुस ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यह हमारा भविष्य है। यूरोपीय संघ इतने ऐतिहासिक विभाजनों के बावजूद इतनी निकटता से आगे बढ़ सकता है, हमारे पास संघर्ष का ऐसा कोई इतिहास नहीं है। हम आगे क्यों नहीं बढ़ सकते?’’

भाषा

देवेंद्र दिलीप

दिलीप



Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *