नयी दिल्ली, 31 मार्च (भाषा) संसद की एक समिति ने वित्त वर्ष 2024-25 के पहले 10 महीनों में 2,000 करोड़ रुपये के लक्षित पूंजीगत व्यय का 50 प्रतिशत से भी कम खर्च करने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी नाल्को की आलोचना की है।
कोयला, खान और इस्पात संबंधी स्थायी समिति ने संसद को सौंपी गई रिपोर्ट में नेशनल एल्युमीनियम कंपनी लिमिटेड (नाल्को) के पूंजीगत व्यय पर सवाल उठाए हैं।
समिति के मुताबिक, ‘‘वित्त वर्ष 2024-25 के लिए नाल्को ने 2,000 करोड़ रुपये के लक्षित पूंजीगत व्यय के मुकाबले जनवरी, 2025 के अंत तक सिर्फ 879 करोड़ रुपये का ही पूंजीगत व्यय किया जो लक्षित राशि के 50 प्रतिशत से भी कम है।’’
इसके साथ ही समिति ने वित्त वर्ष के पहले 10 महीनों में पूंजीगत व्यय की धीमी रफ्तार से अवगत कराए जाने की बात भी कही।
इसने कहा कि कंपनी न तो केंद्र से कोई बजटीय सहायता ले रही है और न ही लेने का प्रस्ताव कर रही है। योजना परिव्यय का प्रबंधन पूरी तरह से आंतरिक संसाधनों के जरिये किया जा रहा है।
हालांकि, नाल्को ने वित्त वर्ष 2020-21, 2022-23 और 2023-24 में अपने लक्षित व्यय को हासिल कर लिया था। इसने वित्त वर्ष 21-22 में लक्षित पूंजीगत व्यय का 99.2 प्रतिशत हासिल किया था।
नाल्को एक ‘नवरत्न’ कंपनी है जिसकी स्थापना जनवरी, 1981 में हुई थी और इसका पंजीकृत कार्यालय भुवनेश्वर में है। केंद्र के पास नाल्को की 51.28 प्रतिशत इक्विटी पूंजी है।
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