नयी दिल्ली, 25 मार्च (भाषा) संसद की एक समिति ने विशेष रूप से महिला पर्यटकों के लिए एक व्यापक सुरक्षा प्रोटोकॉल, निगरानी तंत्र और आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली विकसित करने के लिए ‘अंतर-मंत्रालयी महिला पर्यटन सुरक्षा कार्य बल’ के गठन की सिफारिश की है।
मंगलवार को संसद में पेश अपनी रिपोर्ट में समिति ने स्वीकार किया कि पर्यटन के विकास में पर्यावरणीय स्थिरता को एक ‘‘सहायक विचार से एक मुख्य सिद्धांत’’ में परिवर्तित किया जाना चाहिए।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस दृष्टिकोण को संस्थागत बनाने के लिए, समिति ने संसाधन दक्षता और सामुदायिक सहभागिता के लिए स्पष्ट रूप से परिभाषित मापदंडों के साथ ‘राष्ट्रीय सतत पर्यटन प्रमाणन प्रणाली’ विकसित करने की सिफारिश की है।
‘पर्यटन मंत्रालय की अनुदान मांगें (2025-26)’ रिपोर्ट परिवहन, पर्यटन और संस्कृति संबंधी स्थायी समिति द्वारा तैयार की गई है।
रिपोर्ट में समिति ने कहा है कि वह ‘महिलाओं के लिए सुरक्षित पर्यटन स्थल’ पहल के अंतर्गत आवंटन में कमी को लेकर चिंतित है।
इसमें कहा गया है, ‘‘यह गिरावट समावेशी पर्यटन विकास के मूल सिद्धांत के विपरीत है और इससे महिला यात्रियों के विश्वास पर काफी प्रभाव पड़ सकता है।’’
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘समिति पर्यटन, महिला एवं बाल विकास, गृह मंत्रालय और राज्य पर्यटन विभागों के प्रतिनिधियों को शामिल कर एक अंतर-मंत्रालयी महिला पर्यटन सुरक्षा कार्य बल के गठन की सिफारिश करती है।’’
भाषा
सुभाष रंजन
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