ढाका, 15 मार्च (भाषा) बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की पार्टी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस से कहा कि वह बांग्लादेश में जल्द से जल्द चुनाव कराने के पक्षधर हैं।
बांग्लादेश की चार दिवसीय यात्रा पर आए गुतारेस ने यहां चुनाव कराने से संबंधित सुधार प्रस्तावों पर आयोजित गोलमेज सम्मेलन में भाग लिया, जिसमें राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों और ‘नेशनल कन्सेन्सस बिल्डिंग कमीशन’ सहित विभिन्न हितधारक शामिल हुए थे।
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद युनूस ‘नेशनल कन्सेन्सस बिल्डिंग कमीशन’ का नेतृत्व कर रहे हैं। बैठक में विभिन्न दलों के नेताओं ने अवामी लीग और उसके सहयोगियों को शामिल नहीं किया।
बीएनपी के महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने इस बैठक में शामिल होने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने उनसे (गुतारेस) कहा कि हम चाहते हैं कि अंतरिम सरकार बांग्लादेश में चुनाव कराने से संबंधित सुधारों को पूरा करने के बाद जल्द से जल्द राष्ट्रीय चुनाव कराए।’’
बीएनपी की सर्वोच्च नीति निर्धारण स्थायी समिति के सदस्य सलाहुद्दीन अहमद भी आलमगीर के साथ बैठक में शामिल हुए थे। बैठक के बाद उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र का मानना है कि बांग्लादेशियों को यह निर्णय लेना चाहिए कि सुधार और चुनाव कैसे और कब होंगे क्योंकि यह देश का आंतरिक मामला है।
बांग्लादेश में पिछले साल पांच अगस्त को छात्रों के नेतृत्व में बड़े पैमाने पर हुए हिंसक प्रदर्शन ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की लगभग 16 साल पुरानी अवामी लीग की सरकार को सत्ता से बेदखल कर दिया था, जिसके बाद बीएनपी देश की मुख्य राजनीतिक पार्टी के रूप में उभरी है।
यूनुस ने शुक्रवार को इससे पहले गुतारेस से कहा था कि अगर राजनीतिक दल चाहता है कि ‘‘सुधार पैकेज’’ छोटा हो तो देश में दिसंबर 2025 तक राष्ट्रीय चुनाव कराए जा सकते हैं, लेकिन अगर वे पैकेज का विस्तार करने पर सहमत होते हैं तो अगले साल जून तक चुनाव कराए जाएंगे।
यूनुस (86) ने ‘स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन’ (एसएडी) के आह्वान पर बांग्लादेश की अंतरिम सरकार में मुख्य सलाहकार का पदभार संभाला था। एसएडी ने ही पिछले साल हसीना की सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया था।
एसएडी के नेतृत्व ने हाल ही में ‘नेशनल सिटिजन पार्टी’ (एनसीपी) नामक पार्टी बनाई है। पार्टी के एक नेता नाहिद इस्लाम ने कहा कि मौजूदा कानून व्यवस्था की स्थिति दिसंबर में होने वाले चुनाव के लिए अनुकूल नहीं है।
एनसीपी के एक अन्य नेता सरजिस आलम ने हाल ही में कहा था कि जब तक हसीना को बांग्लादेश वापस नहीं भेज दिया जाता है और मानवता के खिलाफ अपराधों के लिए उन्हें फांसी पर नहीं लटका दिया जाता तब तक किसी को भी ‘‘चुनाव’’ शब्द का उच्चारण नहीं करना चाहिए।
भाषा प्रीति रंजन
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