जिनेवा, 14 मार्च (एपी) संयुक्त राष्ट्र समर्थित मानवाधिकार विशेषज्ञों के एक आयोग ने बृहस्पतिवार को इजराइल पर गाजा पट्टी में हमास के साथ युद्ध के दौरान ‘‘यौन उत्पीड़न और अन्य लैंगिक आधारित हिंसा करने’’ का आरोप लगाया।
ये आरोप इस मुद्दे पर आई एक विस्तृत रिपोर्ट में लगाये गये हैं।
इस बीच, इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने संयुक्त राष्ट्र समर्थित संस्था मानवाधिकार परिषद पर निशाना साधते हुए कहा कि यह एक ‘‘इजराइल विरोधी पूर्वाग्रह’’ है। उनके बयान में रिपोर्ट के निष्कर्षों का उल्लेख नहीं किया गया।
बृहस्पतिवार को जारी अपनी रिपोर्ट में आयोग ने गाजा में व्यापक विनाश, रिहायशी क्षेत्रों में भारी विस्फोटकों के इस्तेमाल और अस्पतालों तथा स्वास्थ्य केंद्रों पर इजराइली हमलों की जांच-पड़ताल की।
आयोग ने अपनी रिपोर्ट में फलस्तीनी महिलाओं, पुरुषों, लड़कियों और लड़कों के खिलाफ किए गए कई तरह के उत्पीड़न का जिक्र किया और इजराइली सुरक्षाबलों पर फलस्तीनी कैदियों के खिलाफ दुष्कर्म और यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया।
इजराइल ने हालांकि कैदियों के साथ किसी भी तरह के दुर्व्यवहार से इनकार किया है तथा कहा कि वह किसी तरह के उत्पीड़न पर कार्रवाई करता है।
आयोग के सदस्य क्रिस सिडोटी ने जिनेवा में संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमारी रिपोर्ट में पाया गया है कि इजराइल ने फलस्तीनी लोगों के आत्मनिर्णय के अधिकार को कमतर करने के प्रयासों के तहत उनके खिलाफ यौन उत्पीड़न और लैंगिक आधारित हिंसा का इस्तेमाल किया।’’
जिनेवा में इजराइल के मिशन ने इन आरोपों को खारिज कर दिया और आयोग पर ‘‘अपुष्ट स्रोतों’’ पर भरोसा करने का आरोप लगाया।
इजराइल का कहना है कि उसने 15 माह से जारी युद्ध में नागरिकों को नुकसान पहुंचाने से बचाने के लिए विभिन्न उपाय किए हैं।
रिपोर्ट की ओर इशारा करते हुए हमास के एक बयान में अंतरराष्ट्रीय न्यायालयों से इजराइल के नेताओं पर मुकदमा चलाने का आग्रह किया गया।
अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय ने नेतन्याहू और उनके पूर्व रक्षा मंत्री के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है तथा उन पर युद्ध अपराध का आरोप लगाया है, जिसका उन्होंने खंडन किया है।
युद्ध तब शुरू हुआ जब हमास के चरमपंथियों ने सात अक्टूबर 2023 को दक्षिणी इजराइल पर हमला किया, जिसमें लगभग 1,200 लोग मारे गए थे और इनमें ज्यादातर आम नागरिक थे जबकि 251 लोगों को बंधक बना लिया था।
एपी
देवेंद्र खारी
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