संयुक्त किसान मोर्चा ने कृषि विपणन पर राष्ट्रीय नीति ढांचे को किया खारिज |

Ankit
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नयी दिल्ली, 24 जनवरी (भाषा) संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने शुक्रवार को सर्वसम्मति से कृषि विपणन के लिए राष्ट्रीय नीति ढांचे (एनपीएफएएम) को खारिज कर इसे ‘तीन कृषि कानूनों’ का पुनर्जन्म बताया। संगठन ने कहा कि वह इसका विरोध करने के लिए सभी राज्यों की राजधानियों में ‘पक्का मोर्चा’ शुरू करेगा।


एचकेएस सुरजीत भवन में एसकेएम की आमसभा की बैठक के बाद यहां जारी बयान में कहा गया कि सभी नेताओं ने नई नीति को बहुराष्ट्रीय कंपनियों और कॉरपोरेट की मदद करने के लिए सरकारी मंडियों पर ‘क्रूर हमला’ करार दिया।

बैठक में 12 राज्यों के 73 किसान संगठनों के 165 प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

एसकेएम ने कहा, ‘‘एसकेएम जीबी ने सर्वसम्मति से और दृढ़ता से केंद्र सरकार के कृषि विपणन के लिए राष्ट्रीय नीति ढांचे को तीन काले कृषि कानूनों का पुनर्जन्म बताते हुए खारिज कर दिया, जिन्हें राज्य सरकारों के माध्यम से पिछले दरवाजे से जबरन लागू किया जा रहा है। यह नीति किसान विरोधी और राज्य सरकार विरोधी है।’’

एसकेएम ने यह भी घोषणा की कि वह इस आंदोलन के अगले चरण के रूप में पांच मार्च से सभी राज्यों में ‘पक्का मोर्चा’ (धरना-प्रदर्शन) बनाएगा।

उन्होंने कहा, ‘‘एसकेएम के नेता एनपीएफएएम को खारिज करने के लिए राज्य विधानसभा बुलाकर प्रस्ताव पारित करने की मांग करने के लिए संबंधित मुख्यमंत्रियों से मिलेंगे और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से इसे वापस लेने की मांग करेंगे।”

उन्होंने कहा, “…अगर कोई राज्य सरकार अनुरोध का पालन करने को तैयार नहीं है, तो ऐसे सभी राज्यों की राजधानियों में किसान पक्का मोर्चा शुरू करेंगे, और जिला और उपमंडल स्तर पर भी पक्का मोर्चा शुरू करेंगे।’’

एसकेएम तैयारी के हिस्से के रूप में महापंचायत और सम्मेलन भी आयोजित करेगा। संबंधित राज्य समन्वय समितियां विवरण तैयार करेंगी।

किसान संगठनों का केंद्रीय निकाय आठ और नौ फरवरी को सांसदों के कार्यालयों/निवासों के सामने इकट्ठा होगा और उनसे किसानों के साथ खड़े होने और एनपीएफएएम को खारिज करने की आवश्यकता को बतायेगा।

भाषा राजेश राजेश अनुराग

अनुराग



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