कोलंबो, दो अगस्त (भाषा) श्रीलंका अंतरिम कोच सनथ जयसूर्या ने कहा कि भारत के खिलाफ हाल ही में समाप्त हुई टी20 श्रीलंका में हार के बाद उनके खिलाड़ियों को अपनी ‘क्रिकेट जागरूकता’ में सुधार करने पर काम करना होगा।
श्रीलंका ने तीन मैचों की श्रृंखला के दौरान कई बार अच्छी स्थिति में होने के बाद लगातार विकेट गंवाए और टीम को 0-3 से हार झेलनी पड़ी।
जयसूर्या ने तीन मैचों की एकदिवसीय श्रृंखला से पहले ‘ईएसपीएन क्रिकइन्फो’ से कहा, ‘‘मुझे प्रतिबद्धता की कमी नहीं दिखती, लेकिन उन्हें दबाव से बेहतर तरीके से निपटना होगा। उन्हें मैच की परिस्थितियों को लेकर अपनी क्रिकेट जागरूकता को बेहतर करने की जरूरत है। हम इस हार की जिम्मेदारी ले रहे हैं। आप इससे दूर नहीं जा सकते।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जब तक उन्हें इस बात का एहसास होगा हमें तब तक उन्हें विश्वास और समर्थन देते रहना होगा।’’
जयसूर्या ने कहा कि बल्लेबाजों को लगातार छक्के लगाने की चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि श्रीलंका के मैदान बड़े है और चौके तथा दो रन दौड़कर लेने के पर्याप्त मौके देते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘जब आप पावर हिटिंग के बारे में बात करते हैं, तो मुझे नहीं लगता कि आपको (श्रीलंका में) इसकी उतनी आवश्यकता है। अगर आप पर्याप्त चौके और पर्याप्त दो रन लगाते हैं, तो आपको वह स्कोर मिल जाता है जिसकी आपको जरूरत है।’’
श्रीलंका के इस पूर्व कप्तान ने कहा, ‘‘श्रीलंका के मैदान थोड़े बड़े हैं। ऐसा कोई कारण नहीं है कि आप चौके लगाने के साथ दो या तीन रन नहीं चुरा सकते है। अगर आप ऐसा कर सके तो आप इतने सारे छक्के मारे बिना भी काम पूरा कर सकते हैं।’’
इस पूर्व दिग्गज हरफनमौला ने कहा कि खिलाड़ियों को टी20 श्रृंखला जैसे खराब प्रदर्शन के बाद आलोचना स्वीकार करने के लिए तैयार रहना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें एक कोच के रूप में, एक सहयोगी स्टाफ के रूप में, एक टीम के रूप में आलोचना को भी स्वीकार करना होगा। एक क्रिकेटर के रूप में अपने समय में मुझे इस (परिस्थिति) से गुजरना पड़ा है, हर क्रिकेटर को इससे गुजरना पड़ता है। जब आलोचना होती है, तो आपको इसे स्वीकार करना होगा।’’
जयसूर्या ने उम्मीद जताई की नवनियुक्त कप्तान चरित असलांका जल्द ही अच्छा प्रदर्शन करेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘असलांका इस प्रारूप में हमारे सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में से एक हैं लेकिन जब आपको कप्तानी मिलती है तो कुछ दबाव होता है। आपको थोड़ा समय देना होगा।’’
भाषा आनन्द
आनन्द
आनन्द