नयी दिल्ली, 10 फरवरी (भाषा) श्रम मंत्रालय ने सोमवार को नौकरी पोर्टल फाउंडइट के साथ एक शुरुआती समझौते पर हस्ताक्षर करने की घोषणा की। इस पहल का मकसद सालाना 10 लाख से अधिक रोजगार के बारे में जानकारी देकर नौकरी चाहने वाले युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों को बढ़ाना और विस्तार करना है।
श्रम मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। इसका उद्देश्य एनसीएस (राष्ट्रीय करियर सेवा) पोर्टल पर पंजीकृत नौकरी चाहने वालों के लिए अंतरराष्ट्रीय और घरेलू स्तर पर रोजगार के अवसरों को बढ़ाना है।
मांडविया ने भारत और विदेश दोनों में नौकरी चाहने वालों और रोजगार के अवसरों के बीच अंतर को कम करने में एनसीएस पोर्टल की महत्वपूर्ण भूमिका का जिक्र भी किया।
उन्होंने कहा, ‘‘एनसीएस पोर्टल लाखों नौकरी चाहने वालों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नियोक्ताओं से जोड़ता है। इस लिहाज से रोजगार के लिए यह एक महत्वपूर्ण प्रवेश द्वार बन गया है। इस एमओयू से हर साल एनसीएस में 1.25 लाख अंतरराष्ट्रीय रिक्तियां और 10 लाख से अधिक घरेलू रिक्तियों के बारे में जानकारी मिलने की उम्मीद है। इससे भारतीय युवाओं के लिए रोजगार की संभावनाएं काफी बढ़ जाएंगी।’’
मांडविया ने कहा, ‘‘पोर्टल पर 40 लाख से अधिक नियोक्ता पंजीकृत हैं। इससे पोर्टल अपनी स्थापना के बाद से 4.40 करोड़ से अधिक रिक्तियों के बारे में जानकारी उपलब्ध कराने की सुविधा प्रदान की है। किसी भी समय, लगभग 10 लाख नौकरी रिक्तियां उपलब्ध हैं, जिससे युवाओं के लिए अवसरों का निरंतर प्रवाह सुनिश्चित होता है।’’
श्रम सचिव सुमिता डावरा ने कहा कि जर्मनी, फिनलैंड जैसे देश और पश्चिम एशिया के देश सक्रिय रूप से विभिन्न तरह की नौकरियों के लिए कुशल श्रमिकों की तलाश कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि यह समझौता ज्ञापन एनसीएस को इन रिक्तियों को सुविधाजनक बनाने और देश में नौकरी चाहने वालों के लिए करियर की संभावनाओं को बढ़ाने में सक्षम करेगा।
फाउंडइट के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) वी सुरेश ने साझेदारी की सराहना करते हुए कहा कि यह समावेशी रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देकर नरेन्द्र मोदी सरकार के ‘सबका साथ, सबका विकास’ के दृष्टिकोण के अनुरूप है।
समझौते के तहत, एनसीएस पोर्टल पर पंजीकृत नौकरी चाहने वालों को न केवल भारत के भीतर बल्कि दक्षिण पूर्व एशिया और पश्चिम एशिया में भी रिक्तियों के बारे में जानकारी मिलेगी, जिससे उनके लिए रोजगार की संभावनाएं काफी बढ़ जाएंगी।
भाषा रमण अजय
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