नयी दिल्ली, 16 अप्रैल (भाषा) अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा शुल्क के कार्यान्वयन को 90 दिन के लिए टाले जाने के बीच उसका लाभ उठाने के मकसद से निर्यातक तय समय से पहले ही वस्तुओं को अमेरिका भेजने में जुट गये हैं। मुख्य रूप से रत्न एवं आभूषण, जूते और परिधान जैसे कुछ क्षेत्रों के निर्यातकों ने अमेरिका को तय समय से पहले ही सामान भेजना शुरू कर दिया है।
निर्यातकों ने कहा कि चूंकि अमेरिकी शुल्क को आगे टाले जाने के बारे में अनिश्चितता है, ऐसे समय में अधिक माल भेजना बेहतर है, जब शुल्क कम हैं।
उन्होंने कहा कि चीनी वस्तुओं पर अमेरिका के 245 प्रतिशत शुल्क लगाए जाने के बाद खालीपन को भरने के लिए भारतीय कंपनियों को उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि करने की आवश्यकता है।
निर्यातकों के शीर्ष निकाय फियो के अध्यक्ष एस सी रल्हन ने कहा, ‘‘सरकार को इस स्थिति में उन क्षेत्रों में विनिर्माताओं का समर्थन करने के लिए तुरंत आगे आना चाहिए, जिनमें उच्च निर्यात क्षमता है। कुछ क्षेत्रों के निर्यातक शुल्क कार्यान्वयन में छूट की अवधि का लाभ उठाने के लिए सामान तेजी से भेज रहे हैं।’’
अमेरिका को चीन के मुख्य निर्यात में इलेक्ट्रॉनिक सामान, कंप्यूटर, मशीन कलपुर्जे, इलेक्ट्रिक बैटरी, हीटर, खिलौने, फर्नीचर, कपड़े और जूते शामिल हैं।
रल्हन ने कहा, ‘‘उच्च शुल्क लगाए जाने के कारण हमारे लिए निर्यात की काफी संभावनाएं हैं और हमारे निर्यातकों को इसका लाभ उठाने पर विचार करना चाहिए।’’
उन्होंने कहा कि निर्यात प्रतिस्पर्धा बढ़ाने, उत्पादों और बाजारों में विविधता लाने तथा लॉजिस्टिक और बुनियादी ढांचे की कमियों को दूर करने के लिए उपायों की आवश्यकता है।
रल्हन ने विनियामक बोझ को कम करने और सस्ते कर्ज तक पहुंच बेहतर बनाने का भी सुझाव दिया।
अमेरिका ने भारत पर 26 प्रतिशत अतिरिक्त आयात शुल्क लगाने की घोषणा की थी। बाद में नौ अप्रैल को इसे नौ जुलाई तक 90 दिन के लिए टाले जाने की घोषणा की।
चमड़ा क्षेत्र के एक निर्यातक ने कहा कि कुछ व्यापारी इस अवधि का लाभ उठाने के लिए जल्दी-जल्दी माल भेज रहे हैं।
प्रमुख चमड़ा उत्पाद विनिर्माता और निर्यातक फरीदा समूह के अध्यक्ष रफीक अहमद ने कहा, ‘‘फुटवियर क्षेत्र स्थिति का आकलन कर रहा है। यह पूरी तरह से असमंजस की स्थिति है। हम प्रतीक्षा करेंगे और देखेंगे और फिर निर्णय लेंगे।’’
हालांकि, घरेलू उद्योग चीन से भारत में माल की डंपिंग की आशंका को लेकर चिंतित है।
सरकार ने आयात बढ़ने पर नजर रखने को एक अंतर-मंत्रालयी निगरानी समूह का गठन किया है। चीन और वियतनाम जैसे कुछ देशों पर उच्च शुल्क के कारण भारत में वस्तुओं की डंपिंग किये जाने की आशंका है।
भाषा रमण अजय
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