पालघर, 30 जुलाई (भाषा) महाराष्ट्र के पालघर जिले में वसई की एक अदालत ने शिवसेना (यूबीटी) की ठाणे इकाई के उप प्रमुख मिलिंद मोरे की झगड़े के दौरान हुई मौत के सिलसिले में गिरफ्तार 11 लोगों को मंगलवार को चार अगस्त तक पुलिस हिरासत में भेज दिया।
पुलिस ने बताया कि आरोपियों में एक ऑटोरिक्शा चालक, स्थानीय लोग और उस रिसॉर्ट के कर्मचारी शामिल हैं, जहां मिलिंद मोरे की मौत हुई थी।
मीरा-भयंदर वसई-विरार (एमबीवीवी) पुलिस के एक अधिकारी ने संवाददाताओं को बताया कि गैर इरादतन हत्या समेत अन्य अपराधों के आरोप में आरोपियों को स्थानीय मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया, जहां से उन्हें चार अगस्त तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।
पुलिस के अनुसार, मिलिंद मोरे रविवार को अपने परिवार के सदस्यों के साथ एक रिसॉर्ट में गए थे और शाम को लौटते समय कुछ ऑटोरिक्शा चालकों के साथ उनका विवाद हो गया और इस दौरान कहासुनी में वह बेहोश हो गए और दिल का दौरा पड़ने से उनकी संदिग्ध मौत हो गई।
पुलिस उपायुक्त जयंत बाजबले ने पहले बताया था कि अविभाजित शिवसेना की ठाणे जिला इकाई के पूर्व प्रमुख रघुनाथ मोरे के बेटे 45 वर्षीय मिलिंद घटना के समय नवापुर स्थित रिसॉर्ट में थे।
पुलिस के मुताबिक, मिलिंद मोरे के परिजनों की शिकायत के आधार पर आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 105 (गैर इरादतन हत्या) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।
पुलिस ने बताया कि आरोपियों को बाद में गिरफ्तार कर लिया गया। घटना के बाद वसई-विरार नगर निगम (वीवीएमसी) ने अर्नाला बीच के पास अवैध संरचनाओं को गिराना शुरू कर दिया।
अर्नाला बीच पर ही रिसॉर्ट बना हुआ है।
भाषा जितेंद्र रंजन
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