मुंबई, 25 मार्च (भाषा) शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के विधान परिषद सदस्य अनिल परब ने महाराष्ट्र के मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता नितेश राणे पर मंगलवार को निशाना साधते हुए उन पर ‘‘विभाजनकारी’’ और ‘‘खतरनाक’’ टिप्पणी करने का आरोप लगाया।
महाराष्ट्र विधान परिषद में परब ने राणे पर ‘‘खुद को हिंदू धर्म का रक्षक बताने’’ पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वह लोगों को यह निर्देश नहीं दे सकते कि उन्हें क्या खाना चाहिए।
शिवसेना (उबाठा) के नेता ने राणे का नाम लिए बिना कहा, ‘‘महाराष्ट्र में एक नेपाली मंत्री हैं जो मानते हैं कि हिंदू धर्म उनकी वजह से सुरक्षित है। मैं उन्हें यह स्पष्ट कर दूं कि हम अपने धर्म की रक्षा करने में पूरी तरह सक्षम हैं।’’
उन्होंने कहा कि दिवंगत बालासाहेब ठाकरे ने उन्हें किसी अन्य धर्म के साथ अन्याय किए बिना हिंदुत्व मूल्यों को बनाए रखने की शिक्षा दी है।
तटीय सिंधुदुर्ग जिले के कंकावली विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले राणे मत्स्य पालन और बंदरगाह विकास मंत्री हैं।
नितेश राणे ने इस महीने की शुरुआत में ‘मल्हार सर्टिफिकेशन’ नामक एक मंच की शुरुआत करने की घोषणा की थी, जिसका उद्देश्य खासतौर पर हिंदू समुदाय के सदस्यों द्वारा संचालित ‘झटका’ मटन की दुकानों को प्रमाणित करना है।
पशुओं को धारदार हथियार से एक बार में ही काट देने को झटका मांस कहा जाता है।
परब ने इस मुद्दे पर राणे पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘एक मंत्री अचानक सामने आता है और वह लोगों को बताता है कि किस तरह का मांस खरीदना चाहिए। इस तरह के बयान खतरनाक हैं और समुदायों के बीच तनाव पैदा कर सकते हैं…कोई यह तय नहीं कर सकता कि दूसरों को क्या खाना चाहिए। चाहे वह झटका हो या हलाल हो। यह कानून का मुद्दा नहीं बन सकता।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुंबई में पहले से ही ऐसी हाउसिंग सोसाइटी हैं जहां मांसाहारियों को संपत्ति खरीदते समय भेदभाव का सामना करना पड़ता है। इस तरह के रवैये को बढ़ावा नहीं दिया जाना चाहिए।’’
परब ने आरोप लगाया कि राणे खुद को हिंदू धर्म के रक्षक के रूप में पेश करने की कोशिश कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘वह यह दावा करते फिरते हैं कि हिंदू धर्म उनकी वजह से सुरक्षित है। यह झूठा अभिमान है। हमारे धर्म को ऐसे स्वयंभू रक्षकों की जरूरत नहीं है। हमारा धर्म हमें सिखाता है कि अपने धर्म की रक्षा के नाम पर दूसरे धर्मों के साथ अन्याय न करें।’’
शिवसेना (उबाठा) नेता ने यह भी चेतावनी दी कि इस तरह की बयानबाजी से राज्य में जातियों के बीच विभाजन बढ़ रहा है।
भाषा प्रीति रंजन
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