मुंबई, छह अप्रैल (भाषा) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने रविवार को कहा कि शासन के प्रति पश्चिमी और भारतीय दृष्टिकोणों के बीच मुख्य अंतर यह है कि पश्चिमी सोच के विपरीत भारतीय प्रणाली में आध्यात्मिकता केंद्रीय भूमिका निभाती है।
होसबाले ने यहां एक सार्वजनिक समारोह के दौरान कहा, ‘‘शासन के बारे में पश्चिमी सोच में आध्यात्मिकता नहीं पाई जा सकती है, लेकिन भारत में यह लोगों के जीवन के आध्यात्मिक और भौतिक पहलुओं को ऊपर उठाने के लिए है।’’
आरएसएस नेता ने अपने संबोधन में नैतिकता और सुशासन के महत्व पर भी जोर दिया और इसे सामाजिक कल्याण के लिए मौलिक बताया।
श्रद्धेय रानी अहिल्याबाई होल्कर के जीवन का उल्लेख करते हुए उन्होंने उन्हें ईमानदारी और सेवा के आदर्श के रूप में सराहा।
भाषा संतोष नोमान
नोमान