शपथ लेने के बाद ट्रंप ने पूर्व नेताओं को आड़े हाथ लिया; बड़े बड़े वादे किए |

Ankit
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न्यूयॉर्क, 20 जनवरी (एपी) डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद अपने दूसरे संबोधन में पिछले भाषण के समान ही कई मुद्दों का जिक्र किया। उन्होंने पूर्व नेताओं पर आरोप भी लगाए और समस्याओं को ठीक करने के बड़े-बड़े वादे भी किए।


आठ साल पहले, ट्रंप ने ‘अमेरिकी नरसंहार’ का जिक्र किया था और इसे तुरंत समाप्त करने का वादा किया था।

सोमवार को उन्होंने घोषणा की कि अब ‘अमेरिका का स्वर्ण युग’ शुरू होगा।

रिपब्लिकन राष्ट्रपति ने परंपरा से हटते हुए बाहर कड़ाके की ठंड के कारण ‘कैपिटल रोटुंडा’ (संसद भवन के केंद्रीय कक्ष) में ही अपना भाषण दिया। उन्होंने सैकड़ों निर्वाचित पदाधिकारियों और ट्रंप समर्थक विशिष्ट हस्तियों से बात की, जिनमें प्रौद्योगिकी क्षेत्र के दिग्गज एलन मस्क भी शामिल थे।

इस भाषण के कुछ अंश इस प्रकार हैं:

‘अमेरिकी स्वर्ण युग’ का वादा

प्रारंभ से ही ट्रंप के भाषण में उनके चुनावी अभियान की रणनीति झलकती थी।

ट्रंप ने पूर्व राष्ट्रपतियों और अन्य गणमान्य व्यक्तियों देखते हुए कहा, ‘‘अमेरिका का स्वर्णिम युग अभी शुरू हो रहा है।’’ उन्होंने कई और अतिशयोक्तिपूर्ण लेकिन अस्पष्ट वादे जोड़े: ‘‘एक रोमांचक नए युग की शुरुआत हो रही।’’ एक राष्ट्र ‘पहले से कहीं अधिक महान, मजबूत और कहीं अधिक असाधारण।’

उन्होंने कहा, ‘‘अपनी संप्रभुता को फिर से हासिल करेंगे। हमारी सुरक्षा बहाल की जाएगी। न्याय के तराजू को फिर से संतुलित किया जाएगा।’’

ट्रंप ने कहा, ‘‘हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता एक ऐसा राष्ट्र बनाना होगी जो गौरवान्वित, समृद्ध और स्वतंत्र हो।’’

उन्होंने अमेरिका-मैक्सिको सीमा पर सेना भेजने, घरेलू तेल उत्पादन को बढ़ावा देने और ‘‘हमारे नागरिकों को समृद्ध बनाने’’ के लिए शुल्क लगाने के अभियान के वादों को पूरा करने का संकल्प जताया।

ट्रंप ने अमेरिका के पिछले नेतृत्व को भ्रष्ट बताया।

ट्रंप ने पिछले चार वर्षों के दौरान अमेरिका के नेतृत्व को अक्षम और भ्रष्ट बताया, तथा यह उन नकारात्मक बयानों की प्रतिध्वनि थी, जिन्हें वह राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में अपने चुनाव अभियान के दौरान हर रोज प्रचारित करते थे।

उन्होंने अपने पूर्ववर्ती, पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन, या किसी अन्य डेमोक्रेट का नाम नहीं लिया, लेकिन यह स्पष्ट था कि वह किसकी बात कर रहे थे।

ट्रंप ने जोरदार तरीके से कहा, ‘‘हमारे पास एक ऐसी सरकार थी जो घरेलू स्तर पर एक साधारण संकट को भी नहीं संभाल सकी जबकि विदेशों में विनाशकारी घटनाएं जारी हैं।’’

उन्होंने कहा कि सरकार कानून का पालन करने वाले नागरिकों के बजाय खतरनाक आप्रवासियों की रक्षा करती रही, अमेरिकी सीमाओं की कीमत पर विदेशी सीमाओं की रक्षा करती है और ‘आपातकाल के समय में बुनियादी सेवाएं तक प्रदान नहीं कर सकती है।’ उन्होंने कहा, ‘‘आज से यह सब बदल जाएगा, और यह बहुत तेजी से बदलेगा।’’

ट्रंप ने पेंसिल्वेनिया के बटलर में उनकी हत्या के प्रयास का जिक्र किया और इस घटना में कैसे वह बच गए, इसका वर्णन करने के लिए उन्होंने तीखी भाषा का इस्तेमाल किया।

ट्रंप ने तालियों की गड़गड़ाहट के बीच कहा, ‘‘मुझे ईश्वर ने अमेरिका को फिर से महान बनाने के लिए जीवन दान दिया है।’’

एपी नरेश आशीष

आशीष



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