शनिवार को 101 किसान दिल्ली कूच करेंगे |

Ankit
5 Min Read


चंडीगढ़, 12 दिसंबर (भाषा) संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) नेता राकेश टिकैत ने शुक्रवार को पंजाब के किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल से खनौरी सीमा पर मुलाकात की जिनका आमरण अनशन 18वें दिन में प्रवेश कर गया है। उन्होंने ‘संयुक्त लड़ाई’ के लिए किसान समूहों से एकजुट होने का आह्वान किया।


टिकैत के साथ एसकेएम नेता हरिंदर सिंह लाखोवाल भी थे।

इस बीच किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने शंभू प्रदर्शन स्थल पर संवाददाताओं को बताया कि संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले 101 किसानों का एक समूह 14 दिसंबर को दोपहर में शंभू सीमा से दिल्ली तक पैदल मार्च करने का एक और प्रयास करेगा।

सवालों का जवाब देते हुए टिकैत ने कहा, ‘‘डल्लेवाल जी हमारे बड़े नेता हैं और हम उनके स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं, पूरे देश के किसान चिंतित हैं।’’ टिकैत भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता भी हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘हम उनके स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं…सरकार को संज्ञान लेना चाहिए…ऐसा नहीं लगता कि डल्लेवाल अपना आमरण अनशन वापस लेंगे जब तक कि सरकार उनसे बातचीत नहीं करती और उनकी मांगें पूरी नहीं करती।’’

यह पूछे जाने पर कि क्या सभी संगठनों (जिन्होंने अब निरस्त किए गए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के दौरान एसकेएम का गठन किया था) को किसानों के अधिकारों की लड़ाई प्रभावी ढंग से लड़ने के लिए हाथ नहीं मिलाना चाहिए, टिकैत ने कहा, ‘‘हमने एक समिति बनाई है जो समूहों के साथ संवाद करेगी।’’

उन्होंने कहा कि भविष्य की कार्रवाई के लिए रणनीति तैयार की जाएगी।

टिकैत ने कहा कि केंद्र को किसानों की ताकत दिखानी होगी और इसके लिए दिल्ली को पिछले आंदोलन की तरह सीमाओं पर नहीं बल्कि केएमपी (कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेसवे) से राष्ट्रीय राजधानी को घेरना होगा।

उन्होंने कहा, ‘जब दिल्ली को घेरा जाएगा तो यह केएमपी से होगा। यह कब और कैसे होगा, यह हम देखेंगे।’

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि केंद्र की नीति है कि उसके एजेंडे के अनुरूप किसान संगठनों को विभाजित किया जाना चाहिए।

एक अन्य प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि किसान संगठनों को एकजुट होकर अगले कदम के बारे में रणनीति बनानी चाहिए।

इस बीच लाखोवाल ने कहा कि डल्लेवाल का स्वास्थ्य चिंताजनक है।

उन्होंने कहा, ‘सरकार को तत्काल कदम उठाना चाहिए और बातचीत करनी चाहिए। हम जानते हैं कि मांगें पूरी होने तक वह मोर्चा नहीं छोड़ेंगे।’

यह पूछे जाने पर कि किसान संगठन एक मंच पर क्यों नहीं आते, लाखोवाल ने कहा, ‘‘हमने एक समिति बनाई है, हम किसी भी निर्णय पर पहुंचने से पहले अन्य नेताओं से बात करेंगे।’’

डल्लेवाल 26 नवंबर से पंजाब और हरियाणा के बीच खनौरी सीमा पर आमरण अनशन पर हैं ताकि केंद्र पर फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी देने सहित आंदोलनकारी किसानों की मांगों को स्वीकार करने का दबाव बनाया जा सके।

संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसान 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी सीमा पर डेरा डाले हुए हैं। सुरक्षा बलों ने उन्हें दिल्ली जाने से रोक दिया था।

किसानों के एक समूह ने छह दिसंबर और आठ दिसंबर को पैदल दिल्ली में प्रवेश करने का प्रयास किया।

हरियाणा में सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें आगे बढ़ने की अनुमति नहीं दी। प्रदर्शनकारी किसान 14 दिसंबर को फिर से मार्च करने का प्रयास करेंगे।

किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि 101 किसानों का जत्था शनिवार को शांतिपूर्ण तरीके से पैदल मार्च करेगा।

हरियाणा के अधिकारियों द्वारा पिछले दो मौकों पर दिल्ली तक पैदल मार्च करने की अनुमति नहीं देने का जिक्र करते हुए पंधेर ने कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि पैदल चल रहे 101 किसान कैसे खतरा पैदा कर सकते हैं।

पंधेर ने कहा कि किसानों के आंदोलन तेज करने से पहले सरकार को बातचीत करनी चाहिए।

एक प्रश्न के उत्तर में पंधेर ने डल्लेवाल की स्वास्थ्य स्थिति को ‘गंभीर’ बताया तथा कहा कि आमरण अनशन शुरू करने के बाद से उनका वजन 14 किलो कम हो गया है।

उन्होंने कहा, ‘हम शांतिपूर्ण तरीके से अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे।’

भाषा

शुभम अविनाश

अविनाश



Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *