वैकल्पिक दृष्टिकोण अपनाना होगा, आधुनिक दौर की क्रांति में भाग लेकर चीन को मात देनी होगी: राहुल |

Ankit
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नयी दिल्ली, तीन फरवरी (भाषा) लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को देश के लिए वैकल्पिक दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत पर जोर दिया और कहा कि वंचित वर्गों की भागीदारी सुनिश्चित कर और इलेक्ट्रिक वाहन, डेटा तथा कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आईए) से जुड़ी आधुनिक युग की क्रांति में भाग लेकर चीन को पछाड़ा जा सकता है।


उन्होंने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘मेक इन इंडिया’ को लेकर प्रयास जरूर किया, लेकिन यह विचार विफल रहा क्योंकि विनिर्माण दर घट गई।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने यह भी कहा कि देश बेरोजगारी की समस्या का समाधान नहीं कर पाया है और इस बारे में युवाओं कोई स्पष्ट जवाब देने में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) दोनों की सरकारें विफल रही हैं।

उन्होंने यह दावा भी किया कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में कुछ नया नहीं था और यह पिछले कुछ सालों की तरह ही था।

राहुल गांधी ने कहा, ‘‘मैंने राष्ट्रपति का अभिभाषण सुना। मुझे कहना होगा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान जो कहा जा रहा था, उस पर अपना ध्यान बनाए रखने के लिए मुझे संघर्ष करना पड़ा, क्योंकि मैंने लगभग वही अभिभाषण पिछले साल और उससे पहले के साल भी सुना था।’’

उनका कहना था कि विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन की सरकार होती तो यह अभिभाषण इस तरह का नहीं होता।

कांग्रेस नेता ने कहा कि देश का भविष्य युवाओं द्वारा तय होगा, इसलिए कुछ भी कहा जाए तो उसमें युवाओं पर जोर होना चाहिए था।

राहुल गांधी ने कहा, ‘‘हम बेरोजगारी की समस्या को सुलझा नहीं पाए हैं, न तो संप्रग सरकार बेरोजगारी को लेकर युवाओं को कोई स्पष्ट जवाब दे पाई और ना ही राजग सरकार कुछ कर पाई…मेरी इस बात से प्रधानमंत्री भी सहमत होंगे।’’

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस दौरान सदन में उपस्थित थे।

राहुल ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने ‘मेक इन इंडिया’ की पहल की। यह अच्छा विचार था, प्रधानमंत्री ने प्रयास किया, लेकिन यह प्रयास विफल रहा।’’

राहुल गांधी ने कहा, ‘‘एक देश के रूप में हम विनिर्माण में विफल रहे हैं।’’

उन्होंने दावा किया कि विनिर्माण का काम चीन की कंपनियों को दे दिया गया है।

राहुल गांधी ने मोबाइल फोन दिखाते हुए कहा, ‘‘यह मेड इन इंडिया नहीं, बल्कि ‘असेंबल्ड इन इंडिया’ है।’’

उन्होंने कहा कि देश को विनिर्माण पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

कांग्रेस नेता ने दावा किया कि हर कोई जानता है कि भारत में सामाजिक तनाव बढ़ रहा है।

उन्होंने परिवहन क्षेत्र से जुड़ी वर्तमान समय की क्रांति में भारत की अहम भूमिका पर जोर दिया।

राहुल गांधी ने कहा, ‘‘चाहे आप अर्थव्यवस्था, रक्षा, उत्पादन, या स्वास्थ्य सेवा पर विचार कर रहे हों, भारत को इस क्रांति का हिस्सा होना चाहिए। भारत को इस क्षेत्र में अग्रणी बनने का प्रयास करना चाहिए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘आज दो समानांतर रास्ते हैं जिन पर हमें जोर देना है। पहला, देश के शासन, संस्थानों में ओबीसी, आदिवासियों और दलितों की भागीदारी सुनिश्चित करना और धन का समान वितरण सुनिश्चित करना। दूसरा यह कि इलेक्ट्रॉनिक वाहन, बैट्री, सौर ऊर्जा के क्षेत्र में क्रांति में भाग लें और चीन को पराजित करें।’’

कांग्रेस नेता ने संविधान का मुद्दा उठाते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव के नतीजों से यह स्पष्ट हो गया कि कोई इसे छू भी नहीं सकता है।

राहुल गांधी ने कहा, ‘‘मुझे याद है कि भाजपा ने ‘‘400 पार’’ का चुनावी नारा दिया था और कहा था कि वे संविधान बदल देंगे। लेकिन चुनाव के बाद मुझे यह देखकर खुशी हुई कि प्रधानमंत्री विनम्र हो गए और उन्हें संविधान के सामने सिर झुकाने के लिए मजबूर होना पड़ा। यह कांग्रेस पार्टी के लिए गर्व का क्षण था क्योंकि हम भाजपा और देश को यह समझाने में सक्षम रहे कि कोई भी ताकत संविधान को नहीं छू सकती।’’

उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत के एक हालिया बयान का हवाला देते हुए कहा, ‘‘मैं आपको बता दूं, हम उनका सपना कभी पूरा नहीं होने देंगे। भारत में हमेशा संविधान का राज होगा।’’

राहुल गांधी ने तेलंगाना में हुए जातिगत सर्वेक्षण का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘हमने तेलंगाना में जाति गणना कराई है और नतीजे चौंकाने वाले हैं। तेलंगाना की लगभग 90 प्रतिशत आबादी में दलित, आदिवासी, पिछड़ा वर्ग या अल्पसंख्यक शामिल हैं। मैं आश्वस्त हूं कि पूरे देश में यही स्थिति है। मुझे यकीन है कि इस देश में ओबीसी आबादी कम से कम 50 फीसदी है।’’

उनका कहना था कि भारत को अतीत के मूल्यों को जोड़ने की जरूरत है।

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘आप (सत्तापक्ष) सरदार पटेल जी की बात करते हैं लेकिन सरदार पटेल जी के मूल्यों को हर दिन नष्ट करते हैं। आप आंबेडकर जी के बारे में बात करते हैं लेकिन आप हर दिन उनके मूल्यों को नष्ट करते हैं… आप बुद्ध के सामने झुकते हो लेकिन जो वह कहते थे, उसे आप नष्ट कर देते हैं।’’

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘आप जो हैं उसके प्रति आपको सच्चा होना होगा और यह महत्वपूर्ण है कि जब आप राष्ट्र को आगे बढ़ने का रास्ता दे रहे हों तो उद्देश्य की स्पष्टता हो।’’

राहुल गांधी ने कहा कि लोकसभा चुनाव और महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के बीच की कुछ महीनों की अवधि में ही राज्य में हिमाचल प्रदेश की आबादी के बराबर मतदाताओं की संख्या बढ़ गई और ऐसे में निर्वाचन आयोग को प्रदेश के विपक्षी दलों को मतदाता सूची से जुड़े आंकड़े उपलब्ध कराने चाहिए।

उन्होंने निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति की प्रक्रिया में बदलाव को लेकर सरकार पर निशाना साधा।

राहुल गांधी ने कहा, ‘‘चुनाव आयुक्त का चयन प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेता और प्रधान न्यायाधीश द्वारा किया जाता था। प्रधान न्यायाधीश को इस समिति से हटा दिया गया। यह प्रधानमंत्री के लिए सवाल है कि यह परिवर्तन क्यों किया गया?’’

उन्होंने निकट भविष्य में अगले मुख्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति के लिए होनी वाली बैठक का हवाला देते हुए कहा, ‘‘कुछ दिनों में, मैं अमित शाह जी और मोदी जी के साथ एक बैठक में भाग लूंगा, जो 2:1 अनुपात के साथ असंतुलन वाली स्थिति लगती है। इसमें मेरी उपस्थिति का क्या मतलब है? क्या मैं केवल मोदी जी और अमित शाह जी की बातों पर मुहर लगाने के लिए जाऊंगा?’’

राहुल गांधी ने कहा, ‘‘प्रधान न्यायाधीश की उपस्थिति से अधिक संतुलित चर्चा हो पाती। यह बदलाव एक सोची-समझी रणनीति के तहत किया गया प्रतीत होता है।’’

उन्होंने दावा किया कि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले निर्वाचन आयुक्तों को बदल दिया गया।

भाषा हक हक वैभव

वैभव



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