(अमनप्रीत सिंह)
पेरिस, आठ अगस्त (भाषा) ‘प्लीज मुझे अकेला छोड़ दो, मैं घर जाना चाहती हूं,’ अंतिम पंघाल ने ओलंपिक में हुए विवाद के बीच अपनी टीम के साथ दिल्ली के लिये एयर इंडिया की उड़ान पकड़ने से पहले बृहस्पतिवार की रात को इतना ही कहा ।
अंतिम बुधवार को महिलाओं की कुश्ती के 53 किग्रा भार वर्ग में अपना पहला मुकाबला हारने के बाद ओलंपिक से बाहर हो गई थीं।
वहीं अपने मान्यता कार्ड से अपनी बहन को खेल गांव में प्रवेश दिलाने की कोशिश करके भारतीय ओलंपिक दल को शर्मसार करने वाली अंतिम पंघाल को भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) द्वारा तीन साल के लिए प्रतिबंधित किए जाने की संभावना है।
टीम इंडिया की जर्सी पहने अंतिम चार सदस्यों की अप़नी टीम के साथ चुपचाप यहां हवाई अड्डे पर टर्मिनल दो पहुंची और एयर इंडिया की उड़ान ली । वह सुबह साढे नौ बजे के करीब दिल्ली पहुंचेगी ।
विवाद के बारे में पूछने पर उसने बात करने से मना कर दिया । उनके एक कोच ने कहा ,‘‘ वो डरी हुई है , बात नहीं करेगी ।’’
इससे पहले भारतीय दल के एक सूत्र ने बताया, ‘‘आईओए (भारतीय ओलंपिक संघ) के अधिकारियों ने इस मुद्दे पर चर्चा की जिससे सभी को शर्मिंदगी उठानी पड़ी। कोच सहित सभी पर तीन साल का प्रतिबंध लगाने पर विचार किया जा रहा है।’’
सूत्र ने कहा, ‘‘सबसे पहले हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि वह घर पहुंच जाए। फैसले की घोषणा उसके भारत पहुंचने के बाद ही की जाएगी।’’
फ्रांसीसी अधिकारियों द्वारा अनुशासनात्मक उल्लंघन के बारे में संज्ञान में लाए जाने के बाद आईओए ने उन्हें और उनके सहयोगी स्टाफ को वापस स्वदेश भेजने का फैसला किया।
आईओए के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘अभी तक कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है।’’
भारत वापस लौटने से पहले पीटीआई से बात करते हुए 19 वर्षीय अंतिम ने कहा, ‘‘मेरा कुछ भी गलत करने का इरादा नहीं था। मेरी तबीयत ठीक नहीं थी और भ्रम की स्थिति थी। यह सब भ्रम की वजह से हुआ।’’
बाद में एक वीडियो में अंतिम ने स्वीकार किया कि उसे पुलिस थाने जाना पड़ा लेकिन केवल अपने मान्यता कार्ड के सत्यापन के लिए।
उन्होंने कहा, ‘‘यह मेरे लिए अच्छा दिन नहीं था। मैं हार गई। मेरे बारे में बहुत कुछ फैलाया जा रहा है, यह सच नहीं है। मुझे तेज बुखार था और मैंने अपनी बहन के साथ होटल जाने के लिए अपने कोच से अनुमति ली थी।’’
अंतिम ने कहा, ‘‘मुझे अपने कुछ सामान की जरूरत थी जो खेल गांव में था। मेरी बहन ने मेरा कार्ड लिया और वहां अधिकारियों से पूछा कि क्या वह मेरा सामान ले सकती है। वे उसे मान्यता कार्ड के सत्यापन के लिए उसे पुलिस स्टेशन ले गए।’’
उन्होंने इस बात से भी इनकार किया कि उनके कोच नशे में थे और किराए को लेकर टैक्सी ड्राइवर से उनकी कहासुनी हो गई थी।
अंतिम ने कहा, ‘‘मेरे कोच प्रतियोगिता स्थल पर ही रुक गए थे और जब वे वापस आना चाहते थे तो हमने उनके लिए एक कैब बुक की। मेरे कोच के पास पर्याप्त नकदी नहीं थी और भाषा संबंधी समस्याओं के कारण टैक्सी ड्राइवर से उनकी बहस हो गई।’’
उन्होंने कहा, ‘‘वे होटल के कमरे से कुछ यूरो लेने आए थे इसलिए इसमें कुछ समय लगा और इस कारण यह स्थिति पैदा हुई। मैं पहले ही बुरे समय से गुजर रही हूं, कृपया अफवाहें नहीं फैलाएं। कृपया मेरा साथ दें।’’
भाषा मोना नमिता
नमिता