मुंबई, 11 अप्रैल (भाषा) फिल्म ‘फुले’ के निर्देशक अनंत महादेवन ने शुक्रवार को कहा कि समाज सुधारक महात्मा ज्योतिराव गोविंदराव फुले और उनकी पत्नी सावित्रीबाई फुले के जीवन पर आधारित फिल्म ‘फुले’ के रिलीज होने में देरी ब्राह्मण समुदाय द्वारा उठाई गई आपत्तियों के कारण हुई है, न कि सेंसर बोर्ड द्वारा सुझाए गए संशोधनों के कारण।
फिल्म ‘फुले’ इस शुक्रवार को रिलीज होने वाली थी, लेकिन अब यह 25 अप्रैल को सिनेमाघरों में रिलीज होगी। फिल्म ‘स्कैम 1992’ के अभिनेता प्रतीक गांधी इसमें मुख्य भूमिका निभा रहे हैं जबकि अभिनेत्री पत्रलेखा सावित्रीबाई ज्योतिबा फुले का किरदार अदा कर रही हैं।
केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) ने सात अप्रैल को निर्माताओं को ‘यू’ प्रमाण पत्र जारी किया था और उनसे फिल्म में कुछ बदलाव करने के लिए कहा था, जिसमें ‘मांग’, ‘महार’ और ‘पेशवाई’ जैसे शब्दों को हटाने, ‘झाड़ू लिए हुए आदमी’ के दृश्य को ‘लड़कों द्वारा सावित्रीबाई पर गोबर फेंकने’ से बदले जाने और ‘3000 साल पुरानी गुलामी’ पंक्ति को ‘कई साल पुरानी’ के रूप में संशोधित किए जाने के लिए कहा था।
महादेवन ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘उन्होंने कुछ संशोधन करने के लिए कहा था, मैं इसे फिल्म में काट-छांट करना नहीं मानूंगा। मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि फिल्म में कोई काट-छांट नहीं की गई है। हमने ऐसा ही किया। उन्हें लगा कि यह फिल्म युवाओं और सभी को देखनी चाहिए और यह बहुत शिक्षाप्रद है। मुझे नहीं पता कि फिल्म को लेकर इतना बवाल खड़ा क्यों किया गया, मुझे लगता है कि यह थोड़ा अतिशयोक्तिपूर्ण और अनावश्यक हो गया है।’’
फिल्म ‘फुले’ का 10 अप्रैल को ट्रेलर जारी होने के बाद ब्राह्मण समुदाय के कुछ सदस्यों ने यह कहते हुए आपत्ति जताई थी कि फिल्म में दोनों को गलत तरीके से चित्रित किया गया है।
महाराष्ट्र स्थित संगठन हिंदू महासंघ के अध्यक्ष आनंद दवे ने ‘फुले’ का ट्रेलर देखने के बाद नाराजगी जाहिर की थी।
उन्होंने कहा कि ब्राह्मण समुदाय के बारे ‘सिर्फ नकारात्मक’ बातें दिखाना अच्छा नहीं है।
दवे ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ट्रेलर में एक ब्राह्मण लड़के को सावित्रीबाई फुले पर गोबर फेंकते हुए दिखाया गया है। हम समझते हैं कि हमें अच्छाई और बुराई दोनों को दिखाने की ज़रूरत है। लेकिन हमें समुदाय द्वारा किए गए अच्छे कामों को नहीं दिखाया जाता है, जैसे ब्राह्मण लोगों ने महात्मा फुले का समर्थन किया। ब्राह्मणों द्वारा किए गए केवल बुरे कामों को दिखाना अनुचित है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अगर वे जातिवाद दिखाकर पैसा कमाना चाहते हैं तो यह ठीक नहीं है। पूरे भारत और दुनिया भर में लोग ब्राह्मणों के बारे में अच्छा नहीं सोचेंगे। जब हमने अनंत महादेवन से अपनी निराशा व्यक्त की तो उन्होंने कहा कि उन्होंने समुदाय के साथ कोई अन्याय नहीं किया है, और हमसे 15 दिन का समय मांगा है।’’
महादेवन ने कहा कि ‘‘ब्राह्मण दो मिनट के ट्रेलर से बहक गए’’ लेकिन फिल्म में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं खुद एक ब्राह्मण हूं और मैं अपने समुदाय को बदनाम नहीं करूंगा। मैं चाहता हूं कि हर कोई शांत हो जाए और समझे कि हमने एक ऐसी फिल्म बनाई है जो प्रेरणा देने और बदलाव लाने वाली है। जब वे फिल्म देखेंगे तो उन्हें समझ में आ जाएगा लेकिन यह सब दो मिनट के ट्रेलर में नहीं दिखाया जा सकता, हम केवल कुछ अंश ही दिखा सकते हैं।’’
महादेवन ने कहा कि फिल्म के रिलीज से पहले ब्राह्मण समुदाय को फिल्म दिखाने की कोई भी योजना नहीं है।
भाषा प्रीति नेत्रपाल
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