‘विवादित’ टिप्पणी करने वाले केंद्रीय मंत्री कुरियन और गोपी को बर्खास्त करने की मांग |

Ankit
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नयी दिल्ली, तीन फरवरी (भाषा) केरल के सांसदों ने सोमवार को मांग की कि केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी और जॉर्ज कुरियन को उनके ‘विवादास्पद’ बयानों के लिए बर्खास्त किया जाए।


केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री गोपी ने रविवार को यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया था कि जनजातीय कार्य मंत्रालय ‘उच्च जाति’ के लोगों को संभालना चाहिए। हालांकि बाद में उन्होंने अपना बयान वापस ले लिया।

मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी तथा अल्पसंख्यक कार्य राज्य मंत्री कुरियन ने शनिवार को कहा कि यदि केरल को अधिक केंद्रीय धनराशि चाहिए तो उसे यह घोषित करना चाहिए कि वह शिक्षा, बुनियादी ढांचे और सामाजिक कल्याण के मामले में पिछड़ा हुआ है।

दक्षिणी राज्य से ताल्लुक रखने वाले दोनों केंद्रीय मंत्रियों की आलोचना करते हुए मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) से राज्यसभा सदस्य जॉन ब्रिटास ने संसद भवन परिसर में ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत करते हुए उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इन टिप्पणियों पर ध्यान देंगे और उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू करेंगे।

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के सांसद पी.संदोष कुमार ने भी दोनों केंद्रीय मंत्रियों की टिप्पणियों की आलोचना की।

राज्यसभा सदस्य ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “ जॉर्ज कुरियन का यह बयान अजीब है। इससे भाजपा की मानसिकता का पता चलता है। केंद्रीय बजट में केरल की अनदेखी की गई है। हमें हमारा हक मिलना चाहिए। हम इस मुद्दे को उठाने जा रहे हैं, कुरियन को जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे देना चाहिए।”

गोपी के बयान पर उन्होंने कहा, ‘सुरेश गोपी अपनी जातिगत टिप्पणियों के लिए कुख्यात हैं। केंद्रीय मंत्री होने के नाते यह संविधान की नैतिकता और सिद्धांतों का घोर उल्लंघन है। भाजपा नेतृत्व को इस पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए।’

कुमार ने कहा, “हम दोनों मंत्रियों सुरेश गोपी और जॉर्ज कुरियन को तत्काल हटाने की मांग करते हैं… केरल के वास्तविक हितों की रक्षा की जानी चाहिए।”

एर्नाकुलम से कांग्रेस के लोकसभा सदस्य हिबी ईडन ने कहा कि यह टिप्पणी आदिवासी और अनुसूचित जाति (एससी) समुदायों के खिलाफ है।

भाषा

नोमान प्रशांत

प्रशांत



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