नयी दिल्ली, दो अगस्त (भाषा) भारत और वियतनाम की दिल्ली में हुई एक अहम रक्षा बैठक में साइबर सुरक्षा, सूचना सुरक्षा, सैन्य चिकित्सा और पनडुब्बी खोज एवं बचाव जैसे उभरते क्षेत्रों में सहयोग का प्रस्ताव रखा गया। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि 14वीं भारत-वियतनाम रक्षा नीति वार्ता बृहस्पतिवार को नयी दिल्ली में हुई। उन्होंने बताया कि इसकी सह-अध्यक्षता रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने और वियतनाम के राष्ट्रीय रक्षा उप मंत्री वरिष्ठ लेफ्टिनेंट जनरल होआंग जुआन चिएन ने की।
रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘बैठक के दौरान, दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग के मुद्दों की समीक्षा की और जून 2022 में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की वियतनाम यात्रा के दौरान ‘2030 की दिशा में भारत-वियतनाम रक्षा साझेदारी पर संयुक्त दृष्टिकोण वक्तव्य’ पर हस्ताक्षर के बाद संबंधों में परिवर्तनकारी प्रगति को रेखांकित किया गया।’’
बैठक के बाद, रक्षा सचिव और वियतनाम के राष्ट्रीय रक्षा उप मंत्री ने प्रशिक्षक और विशेषज्ञ स्तर के आदान-प्रदान सहित प्रशिक्षण के क्षेत्र में सहयोग को मजबूत करने के लिए एक आशय पत्र पर हस्ताक्षर किए।
बयान में कहा गया, ‘‘वियतनाम ने सहयोग के लिए पांच प्रमुख क्षेत्रों का प्रस्ताव रखा, जिनमें प्रतिनिधिमंडल स्तर का आदान-प्रदान और वार्ता, स्टाफ वार्ता; सेवा से सेवा सहयोग; शिक्षा और प्रशिक्षण; तथा रक्षा उद्योग सहयोग शामिल हैं।’’
रक्षा सचिव ने पांच सूत्री प्रस्ताव का स्वागत किया तथा साइबर सुरक्षा, सूचना सुरक्षा, सैन्य चिकित्सा तथा पनडुब्बी खोज एवं बचाव जैसे उभरते क्षेत्रों में सहयोग का प्रस्ताव रखा।
अरमाने ने मित्र देशों की क्षमता और योग्यता वृद्धि को पूरा करने के लिए घरेलू रक्षा उद्योग की क्षमता पर प्रकाश डाला तथा वियतनाम पीपुल्स आर्म्ड फोर्सेज और उसके उद्योगों के साथ उपयोगी साझेदारी की आशा व्यक्त की।
भाषा धीरज नेत्रपाल
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